...

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अनजान लाश
#NoMemory


एक दर्द भरी आह ने उसकी, मुझे जगाया था
क्या हुआ था जो दर्द से, वो करकराया था

कुछ याद नहीं कौन था, कहा से वो आया था
खून से सने हाथों ने उसके, मेरा दिल दहलाया था

रो रही पास बैठे उसके, वो अनजान कोई साया था
जानती नहीं, भूल गई हूं, कौन हमें यहां लाया था

दिल का मारा था, या मार खाया था।
वो अनजान था, चेहरे ने उसके नूर बरसाया था

नोचा खरोचा होगा जिसने, मारने वाला भेड़िया था
जिस्म का मेरे उसने एक लिबास उठाया था

मैं रोई, वो तड़पा, सुने वाला हमें कोई न था
रात गुजरी वो भी गुजरा, बचाने वाला कोई न था

डरी हुई, थकी हुई, उस भेड़िया का हम पर पहरा था
रात काटू भी तो कैसे, लाश ने मुझे गेहरा था

टूटी हुई, सहमी हुई, यादों का उसकी पहरा था
मायूसी की चादर ओढ़े, रात में गुम सवेरा था


© firkiwali