अभी बहुत बाकी है।
इस लेख के माध्यम से मैं कहना चाहती हूं कि
महिलाओं के कल्याण में अभी बहुत बाकी है।
आज देखा जाए तो दुनिया के हर देश, राज्य और शहर में महिलाओं की काफ़ी उन्नति हुई है। एक दो छोड़कर हर क्षेत्र में महिलाओं को स्थान मिला है। मगर सवाल यह है कि क्या महिलाएं सारे अधिकार के दावेदार हैं ?
क्या उन्हें कोई परेशानी नहीं है?
खासकर हमारे देश में अभी भी बहुत सारी जगह हैं जहां महिलाओं का शोषण, उनपर
अत्याचार अतिरिक्त मात्रा में होती है।
हां मानलेते हैं कि कुछ पढ़े-लिखे लोग अपनी बेटी और बहुओं को पूरी आज़ादी दे चुके हैं कि
वे समाज में अपने तरीके से जीएं और अपनी
गरिमा को अर्जन करें। कुछ बेटियों के ससुराल वाले उन्हें अपनी बेटी जैसी ही...
महिलाओं के कल्याण में अभी बहुत बाकी है।
आज देखा जाए तो दुनिया के हर देश, राज्य और शहर में महिलाओं की काफ़ी उन्नति हुई है। एक दो छोड़कर हर क्षेत्र में महिलाओं को स्थान मिला है। मगर सवाल यह है कि क्या महिलाएं सारे अधिकार के दावेदार हैं ?
क्या उन्हें कोई परेशानी नहीं है?
खासकर हमारे देश में अभी भी बहुत सारी जगह हैं जहां महिलाओं का शोषण, उनपर
अत्याचार अतिरिक्त मात्रा में होती है।
हां मानलेते हैं कि कुछ पढ़े-लिखे लोग अपनी बेटी और बहुओं को पूरी आज़ादी दे चुके हैं कि
वे समाज में अपने तरीके से जीएं और अपनी
गरिमा को अर्जन करें। कुछ बेटियों के ससुराल वाले उन्हें अपनी बेटी जैसी ही...