...

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स्मृतिया
आज जब मैं स्कूल से आई तो बहुत ज्यादा अकेला महसूस किया खुद को,आज मैं बस सोचने लगी कि आखिर इस दुनिया में कौन है मेरा ...!!

फिर चारो तरफ़ नज़र घुमाइ तो बहुत से रिश्ते नज़र आएँ,प्यार से भरे लेकिन पीठ पीछे जहर उगलने वाले ..!!

फिर याद आयी माँ की जो मुझे बहुत प्यार करती थी, घर में कोई मेरे बारे में सोचे या ना सोचे माँ हमेशा मेरे लिए परेशान रहती थी,क्योंकि वो जानती थी उसके अलावा कोई नहीं है मेरा,मेरी माँ मुझे बहुत प्यार करती थी लेकिन भगवान को नहीं पसंद आया, इसलिए मुझे उसने दुर कर दिया,वो मुझे मतलब है दुनिया को सौप कर चली गई ..!! 😔

फिर पापा ने ध्यान दिया, जो सिर्फ हमारे लिए परेशान रहता है लेकिन उनसे भी कुछ खास मतलब नहीं होता बाकी वो अपना फर्ज पूरा कर ही रहे हैं ..!!

फिर अपनी बहनो पर नजर चली गई.वो तो छोटी और मासूम है उनसे क्या ही उम्मीद करू ..!!

फिर उस घटिया धोखेबाज़ इंसान की याद आयी..जिस को मेरी छोटी सी तकलीफ तक महसूस होती है doctor के पास लेकर जाने के लिए परेशान हो जाता था लेकिन ना जाने कैसे वो इतना घटिया है धोखेबाज निकल गया,साला गली गली मुँह मारने वाला कुत्ता बन गया खैर छोड़ो मैंने भी ये सोच लिया है कि वो कभी आया ही नहीं था मेरी जिंदगी में ..!!

अब मैंने देखा मेरी गुमसुम से डोडो को(ये मेरा पालतू है )शांत एक कोने में बैठा लेकिन मेरे उदास होने पर मेरे पास आ जाता ह,वो कहने को कुत्ता है लेकिन धोखेबाज़ से बेहतर है ..!!

इस दुनिया में अगर किसी को अपना समझ आता है तो सिर्फ जानवर ही है क्योंकि इंसान उसका काबिल ही नहीं है ..!!

सच तो यह है यार आज की दुनिया में बस कहने के लिए ही लोग अपने हैं लेकिन अपनापन किसी के पास नहीं है ..!! 😔
© hema singh __