...

7 views

वो आँख भीगी भीगी…
वो आँख भीगी भीगी…

अभी पेशानी से पसीना टपका ही था कि उन्होंने फिर आवाज़ लगा दी “ रामू , अरे ओ रामू …कहाँ रह गए भाई, अभी ये दीवान भी तो सरकाना है”।

आया मालिक…कहते हुए रामू ने दालान से कमरे की ओर दौड़ लगा दी।

आज रामू की बेटी की शादी थी और मालिक थे कि रामू को यहाँ वहाँ दौड़ा रहे थे…मानो रामू कोई उम्रदराज़ ना होकर जवान लौंडा हो। रामू पर मालिक के अनगिनत अहसान थे जिनके चलते रामू उन्हें किसी भी काम की मना नहीं कर पाता था।

“अरे भाई अब खड़े भी रहोगे या कुछ काम भी करोगे…रामू तुम दिन व दिन कामचौर होते जा रहे हो “ मालिक ने ज़रा तल्ख़ लहजे में कहते हुए ख़ुद ही दीवान सरकाना शुरू कर दिया।

आज रामू के लिए सबसे अहम दिन था और मालिक थे कि उसे किसी गधे की तरह पिदाए जा रहे थे।

शाम के लगभग सवा सात बज चूके है, बारात नाचती गाती हुई लगभग दुल्हन के दरवाज़े पर आ पहुँची थी।

बारात के आने से पहले मालिक भी किसी राजा की तरह अपनी नई नवेली कार ले कर घर पहुँच चुके थे, वहीं एक कोने में उदास खड़ा रामू उन्हें टकटकी लगाए देख रहा था…मानो अभी भी उसके ज़हन में दोपहर की धरा-उठाई चल रही हो।

बारात आ गई , बारात आ गई के शोर ने रामू को तंद्रा से जगाते हुए उसकी ज़िम्मेदारियों का अहसास करवाया..वो उदास मन से मालिक की ओर बढ़ा और उन्हें बारात की अगवानी के आमंत्रित करने लगा।

मालिक ने अपनी रोबीली निगाहें रामू की ओर डालते हुए कहा …”भूल गए यह तुम्हारा काम है मेरा नही”।

अब शायद सुबह के छः बजने वाले थे, वैवाहिक रीति रिवाजें अब पूरी हो चुकी थी और बारात विदा होने लगी….रामू ने एक बार फिर मालिक का मान रखते हुए उन्हें बारात को विदा करने के लिए आमंत्रित किया…रामू को डर था कि शायद मालिक इस बार भी मना कर देंगे।

मालिक अपनी कुर्सी से उठे और दूल्हे के पाँव पकड़ते हुए रामू की बेटी की और स्नेह से निहारने लगे, मालिक की आँखों में आज आँसू थे ….जिस बेटी को कलेजे के टुकड़े की तरह पाला- पढ़ाया आज वो उनकी हवेली को सूना करके जा रही थी।

मालिक ने जेब से नई कार की चाबी निकाली और दूल्हे को देते हुए कहा “ जवाईराजा मेरी कलेक्टर बेटी का ख़्याल रखना …बहुत नाज़ों से पाला है हमने इसे, पढ़ लिख कर सिर्फ़ रामू का ही नहीं बल्कि हमारी इस हवेली का भी नाम रोशन किया है इसने पूरे इलाक़े में”।

दूर खड़ा रामू अभी भी मालिक को एकटक देखे जा रहा था…आख़िर जो आदमी उठकर पानी नहीं पीता था वो आज रामू की बेटी की शादी में नौकरों के साथ मिलकर शाम तक काम कर रहा था….रामू अभी भी समझ नहीं पाया था की मालिक आज मालिक ज़्यादा थे या एक पिता।

वो आँख भीगी भीगी….
विक्की सिंह
© theglassmates_quote