जहाँ जंगली जानवर इंसानों को खरीदकर खाते है ( भाग - 8 )
उनके लिए अब भूख मिटाने से ज्यादा जरूरी इंसानो से बदला लेना हो गया था । अपने साथियों का बदला । लेकिन सच तो यह था की वह शेर की हक़ीकत से अंजान थे ।
अभी तक उन्हे बस इतना ही पता था की शेर उन्हे इंसानो से आजाद कराएगा लेकिन उन्हे इस बात की भनक तक नही थी की शेर इस आजादी के बदले उनसे क्या माँगने वाला था ।
इस बार बाघ भी शेर की बातों से सहमत था और उसका कारण ये था की वह इंसानो से नफरत करता था ।
उसका मानना था की इंसान बिना किसी वजह के जानवरो पर हमला करते आए है । जबकि जानवरो ने अक्सर तभी उनका शिकार किया है । जब इंसान जंगली जानवरो का शिकार करने के लिए आते है ।
लेकिन अगर वह इस जंगल मे आकर हमारा शिकार ना करे तो ना हमको इंसान से डर, ना किसी इंसान...
अभी तक उन्हे बस इतना ही पता था की शेर उन्हे इंसानो से आजाद कराएगा लेकिन उन्हे इस बात की भनक तक नही थी की शेर इस आजादी के बदले उनसे क्या माँगने वाला था ।
इस बार बाघ भी शेर की बातों से सहमत था और उसका कारण ये था की वह इंसानो से नफरत करता था ।
उसका मानना था की इंसान बिना किसी वजह के जानवरो पर हमला करते आए है । जबकि जानवरो ने अक्सर तभी उनका शिकार किया है । जब इंसान जंगली जानवरो का शिकार करने के लिए आते है ।
लेकिन अगर वह इस जंगल मे आकर हमारा शिकार ना करे तो ना हमको इंसान से डर, ना किसी इंसान...