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gangs of bhandarapur part 2
:वहीं गांव के माहौल से एकदम विपरीत सुनसान पहाड़ों के बीच में कुछ हलचल हो रही थी..यहां जावेद की गैंग थी जो अभी-अभी गांव के मुखिया की बेटी की शादी का खाना चुराने में कामयाब हुए थे...और यह कामयाबी उनके चेहरे पर दिख भी रही थी..

जैसे ही खाने के बर्तन खोले गए डाकू जावेद और मन्नू के दिमाग में पुरानी यादों का पिटारा खुलने लगा वह भी एक वक्त था जब सीधे-साधे गांव के किसान थे...जो बस खेती-बाड़ी करते थे..

: यह बात तब की थी जब जावेद की बहन मन्नू की शादी तय कर दी गई थी ...जावेद ने अपने पुरखों की जमीन गांव के मुखिया के पास गिरवी रखकर बड़े ही धूमधाम से बहन मनु की शादी का सोचा था पूरे गांव को दावत पर बुलाया था...पूरे गांव में जावेद और उसके परिवार की वाहवाही सुनकर मुखिया और कुछ अमीर लोग जल गए थे तो उन्होंने कुछ तरकीब लगाई और शादी का माहौल खराब करने की सोचा..

: शादी के दिन खूब खुशी का माहौल था इसी बीच जावेद का दोस्त आया और बताने लगा कि किसी ने दावत में बने खाने में कचरा डाल दिया है और खाना बनाने वाला महाराज भी गायब हो चुका है ..
उधर मन्नू सज-धज कर तैयार थी वही बारात भी आ गई थी पर बारात का स्वागत फीका रहा क्योंकि जावेद खूब परेशान था कि अब करना क्या है...

इसी बीच गांव के मुखिया और अमीर लोगों ने बारात में आए दूल्हे और उसके बाप के कान भरने शुरू कर दिए उन्होंने समझाया कि जब आपको खाना ही नहीं मिलेगा तो दहेज क्या खाक देंगे..

: जैसे ही बारातियों को यह बात पता चली वह बारात लेकर वापस चले गए जिससे जावेद की इज्जत मिट्टी में मिल गई

मन्नू का हाल बुरा था पर उसको अपने भाई की ज्यादा फिक्र थी दोनों बहुत रोए फिर अपने आप को संभाला ..

वही एक और बुरी खबर आई जावेद की उगी हुई फसल में किसी ने आग लगा दी थी
गांव के मुखिया के अत्याचार से त्रस्त होकर दोनों दोनों भाई बहन ने सोचा कि आज से गांव में कोई भी शादी होगी तो उसका खाना हम चुरा लेंगे सब को सबक सिखाएंगे क्योंकि गांव में से किसी ने भी उस वक्त जावेद और मन्नू का साथ नहीं दिया ...
यह सब पुरानी बातें याद करके आज दोनों की आंखें भर आई थी....to be countinue
© y2j