gangs of bhandarapur part 2
:वहीं गांव के माहौल से एकदम विपरीत सुनसान पहाड़ों के बीच में कुछ हलचल हो रही थी..यहां जावेद की गैंग थी जो अभी-अभी गांव के मुखिया की बेटी की शादी का खाना चुराने में कामयाब हुए थे...और यह कामयाबी उनके चेहरे पर दिख भी रही थी..
जैसे ही खाने के बर्तन खोले गए डाकू जावेद और मन्नू के दिमाग में पुरानी यादों का पिटारा खुलने लगा वह भी एक वक्त था जब सीधे-साधे गांव के किसान थे...जो बस खेती-बाड़ी करते थे..
: यह बात तब की थी जब जावेद की बहन मन्नू की शादी...
जैसे ही खाने के बर्तन खोले गए डाकू जावेद और मन्नू के दिमाग में पुरानी यादों का पिटारा खुलने लगा वह भी एक वक्त था जब सीधे-साधे गांव के किसान थे...जो बस खेती-बाड़ी करते थे..
: यह बात तब की थी जब जावेद की बहन मन्नू की शादी...