लप्रेक
He: सबसे पहले तो यूं इस तरह से जानें के लिए माफ़ी
और दूसरी बात आपकी बात मेरी समझ में आ गई है, यूं परेशान होकर अकेले में सिमट जानें से कुछ भी ठीक नहीं होता। By the way... I do miss you
She: पहली बात तो समझदारी की बातें करते हुए अच्छे लग रहे हैं आप और दूसरी बात ये कि आने में देर कर दी आपने... आजकल मैं ख़ुद ही अंडरग्राउंड चल रही हूं।
He: और आप तो मुझसे कहा करती थीं...
"अकेले हो जानें से सब कुछ ठीक हो जायेगा क्या?"
She: तो आपने कौन सा मेरी बात पर अमल किया था?
He: नहीं, मैं बस ये कह रहा हूं कि आप भी मेरे जैसी ही हरकतें करते हो।
She: जानती हूं। कभी कभी लगता है कि दुनिया में हर शख्स शायद एक जैसा ही है... कितनी अज़ीब बात है ना... इसके बावजूद भी ना हम खुद को समझ पाते हैं ना ही एक-दूसरे को।
He: हम्मम... तो क्या कहते हो,
इस बार कोशिश करें... समझने की?
She: नहीं... दुनिया में कुछ चीज़ें अकेले ही करनी, झेलनी, सहनी पड़ती हैं।
He: ऐसा मुझे भी लगता था... लेकिन अब लगता है कि अकेले रहने से भी कुछ ठीक नहीं होता।
She: हम्मम, कुछ ठीक नहीं होता... "शायद"
शायद अकेलेपन के खोल में खुद को छुपाकर हम दुनिया का सामना करने की हिम्मत जुटा रहे होते हैं।
He: तो क्या हिम्मत आ जाती है?
She: नहीं... खुद को एक ही बात बार - बार जता कर हम ही बेहया हो चुके होते हैं।
इस बात पर दोनों हंसते हैं...
दोनों को लगता है कि शायद बात करने से कुछ ना होता हो लेकिन एक बार कोशिश करने में क्या ही हर्ज़ है?
© Neha Mishra "प्रियम"
20/09/2022
#लप्रेक #yourquote
और दूसरी बात आपकी बात मेरी समझ में आ गई है, यूं परेशान होकर अकेले में सिमट जानें से कुछ भी ठीक नहीं होता। By the way... I do miss you
She: पहली बात तो समझदारी की बातें करते हुए अच्छे लग रहे हैं आप और दूसरी बात ये कि आने में देर कर दी आपने... आजकल मैं ख़ुद ही अंडरग्राउंड चल रही हूं।
He: और आप तो मुझसे कहा करती थीं...
"अकेले हो जानें से सब कुछ ठीक हो जायेगा क्या?"
She: तो आपने कौन सा मेरी बात पर अमल किया था?
He: नहीं, मैं बस ये कह रहा हूं कि आप भी मेरे जैसी ही हरकतें करते हो।
She: जानती हूं। कभी कभी लगता है कि दुनिया में हर शख्स शायद एक जैसा ही है... कितनी अज़ीब बात है ना... इसके बावजूद भी ना हम खुद को समझ पाते हैं ना ही एक-दूसरे को।
He: हम्मम... तो क्या कहते हो,
इस बार कोशिश करें... समझने की?
She: नहीं... दुनिया में कुछ चीज़ें अकेले ही करनी, झेलनी, सहनी पड़ती हैं।
He: ऐसा मुझे भी लगता था... लेकिन अब लगता है कि अकेले रहने से भी कुछ ठीक नहीं होता।
She: हम्मम, कुछ ठीक नहीं होता... "शायद"
शायद अकेलेपन के खोल में खुद को छुपाकर हम दुनिया का सामना करने की हिम्मत जुटा रहे होते हैं।
He: तो क्या हिम्मत आ जाती है?
She: नहीं... खुद को एक ही बात बार - बार जता कर हम ही बेहया हो चुके होते हैं।
इस बात पर दोनों हंसते हैं...
दोनों को लगता है कि शायद बात करने से कुछ ना होता हो लेकिन एक बार कोशिश करने में क्या ही हर्ज़ है?
© Neha Mishra "प्रियम"
20/09/2022
#लप्रेक #yourquote
Related Stories