जहाँ जंगली जानवर इंसान को खरीद कर खाते है ( भाग - 3 )
तभी वह शेर चट्टटान के टीले पर जाकर बैठ जाता है । जैसे वह टीला कोई सिंहाशन हो और शेर जंगल का राजा ।
वहां बैठने के बाद वो अपनी गर्दन नीचे की तरफ झुका कर जानवरो को इशारा करता है और वह सभी उसकी बात समझ जाते है ।
फिर एक-एक कर सभी कतार में बैठ जाते है । वही पिंजरे में फंसे लोग अभी भी फड़फड़ा रहे थे, आजाद होने के लिए जैसे वो जानवरो से भीख मांग रहे हो, बाहर निकलने के लिए।
चट्टान के ऊपर से शेर यह सब देख कर मुस्कुरा रहा था । तभी वह अपनी कड़क आवाज में बोलता है "मै शेर इस जंगल का राजा और ये सब प्रजा मेरी गुलाम" वह अक्सर अपनी बात ऐसे ही शुरू करता था ।
वही दूसरी तरफ नील के घरवाले भी उसका काफी समय से इंतजार कर रहे थे । रात के दस बज रहे थे ऐसा पहली बार हुआ था की बिना किसी को...
वहां बैठने के बाद वो अपनी गर्दन नीचे की तरफ झुका कर जानवरो को इशारा करता है और वह सभी उसकी बात समझ जाते है ।
फिर एक-एक कर सभी कतार में बैठ जाते है । वही पिंजरे में फंसे लोग अभी भी फड़फड़ा रहे थे, आजाद होने के लिए जैसे वो जानवरो से भीख मांग रहे हो, बाहर निकलने के लिए।
चट्टान के ऊपर से शेर यह सब देख कर मुस्कुरा रहा था । तभी वह अपनी कड़क आवाज में बोलता है "मै शेर इस जंगल का राजा और ये सब प्रजा मेरी गुलाम" वह अक्सर अपनी बात ऐसे ही शुरू करता था ।
वही दूसरी तरफ नील के घरवाले भी उसका काफी समय से इंतजार कर रहे थे । रात के दस बज रहे थे ऐसा पहली बार हुआ था की बिना किसी को...