...

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जज्बात दिल के
बेकाबू से है जज्बात दिल के
ना जाने किस डगर को जाते है
कैसे समझाऊं कैसे अंकुश लगाऊ
कोई ठौर नहीं है इस जज्बातों के❣️
इन पर काबू पाना आसान नहीं है
फिर भी ना जाने क्यों
आशा रखती हूं इस से
इस के क़दमों तले कितनों के
दिल कुचले गए
इसे पता नहीं किसकी तलाश है
हजारों खूबियों में भी कमियां ढूंढ़ लाते है किसी की हजारों कमियों पर पर्दा लगाते है
बेकाबू से जज्बात दिल के
ना जाने किस डगर को जाते है

कभी थम जाते है किसी अनजान पर
कभी पुराने यार को अनजान बनाते है
कभी उसूलों का वास्ता देते है
कभी बेफिक्र गलतियां करवाते है
कभी इस दुनियां के रंग में घुल जाते है
कभी अपनी अलग दुनिया बनाते है
बेकाबू से जज्बात दिल के
ना जाने किस डगर को जाते है
कैसे समझाऊं कैसे अंकुश लगाऊं
कोई ठौर नहीं इस जज्बातों के❣️





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