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अल्फाजनामा पार्ट - 1
ये पहली कहानी है जो आशा करता हूं आप सभी को पसंद आएगी।

:-इस प्रेम कहानी के मुख्य पात्र हैं कमल और सुषमा।

तो बात शुरू होती है शादी से जो कमल के दूर के रिश्तेदार की थी, लेकिन वहीं दूसरी ओर सुषमा के ख़ास फुफेरे भाई की। शादी का कार्यक्रम था तो 2-3 दिन का अच्छा खासा प्रोग्राम था। कमल का इस कार्यक्रम में शामिल होने का कोई मन नहीं था, क्योंकि कमल को शादी में जाना अच्छा नहीं लगता। मगर कमल को अपनी मम्मी को बाइक से छोड़ना था इसलिए उसे मज़बूरी में जाना पड़ा।

कमल मम्मी को पहुंचा कर घर वापस आ ही रहा था, कि काफी पीते हुये अचानक उसकी नजर सुषमा पर पड़ी और वह बस सुषमा को निहारते रह ही रह गया। अब मैं आपको सुषमा के बारे में थोड़ा बता दूं, सुषमा बहुत ही सभ्य और चेहरे से थोड़ी सांवली मगर उसके चेहरे की जो मासूमियत थी वो कमल को बार बार अपनी ओर खींच रही थी।
इधर अब कमल का मन बिल्कुल बदल गया, जहां उसको घर जाने की जल्दी थी अब वो वहां रुकने के बहाने ढूंढ़ रहा था।

वहां कमल की जानकारी में कोई भी ऐसा नहीं था जिससे वह सुषमा के बारे में जान सके कुछ पूछ सके। लाख कोशिश के बाद कमल बस यही जानकारी जुटा पाया कि ये शादी होने वाले लड़के की खास रिश्तेदार में से एक है। कमल बहुत बेचैन होते जा रहा था और बस किसी न किसी बहाने से सुषमा को निहारने का तरीका खोज रहा था।

इधर सुषमा को भी ये समझ आ गया कि कमल उसको लेकर बहुत परेशान है, कमल किसी भी तरीके से सुषमा से बात करना चाहता था, कि अचानक वह देखता है कि सुषमा और बाकी 4-5 लोग साथ में मिलकर बातें कर रहे हैं। उनमें से एक लड़का कमल की जान पहचान का था । कमल बहाने से वहां जाकर उस लड़के से हाय हैलो करता है।
वहां सभी अपनी अपनी पढ़ाई को लेकर बात कर रहे थे , कि कमल के पहुंचने पर सुषमा अपना परिचय देते हुए कहती है, कि मैंने मास्टर डिग्री के साथ बी. एड. किया हुआ है और इन दिनों वह C.Tet की तयारी में जुटी हुई है। कमल सुषमा को बोलते हुए बस निहारता ही रहता है, कि कैसे बोलते समय वो अपने गालों पर आए बालों को अपने हाथ से हटाती है।

वहीं कमल को सुषमा की बात सुनकर ये तो पता चल जाता है कि सुषमा उम्र में कमल से बड़ी है। क्योंकि कमल अभी मास्टर डिग्री के प्रथम बर्ष में था। मगर कमल जिस तरह से उस पर मोहित हुआ था उसे उम्र के फांसले का तनिक भी ख़्याल नहीं था, और पहली नजर का इश्क़ कहां कुछ सोचता विचारता है।

इधर कमल भी अपना परिचय देते हुए अपने बारे में बताता है और कहता मैं मास्टर डिग्री के साथ जॉब भी कर रहा हूं, और वहां से वह कुछ देर बाद वापस आ जाता है। इधर शाम होने को होती है तो कुछ देर बाद वह मम्मी को साथ लेकर घर वापस आ जाता है। आकर बस उसी के ख्यालों में खो जाता है । 
और पूरी रात वो बस ये सोचने में निकाल देता है कि सुषमा से बात कैसे हो पायेगी मेरी। अगले दिन शादी की रस्म थी तो आज कमल को मम्मी को लेकर फिर जाना था ।

मगर आज जाते हुए जो कमल के चेहरे पर मुस्कान और चमक थी वो देखने लायक थी। और आज बातों बातों में कमल सुषमा से हिम्मत करके उसका मोबाइल नंबर ले आता है। इधर शादी हो जाती है, और अगले दिन सुषमा अपने घर चली जाती है। कमल ने शादी के दौरान कुछ सुषमा की तस्वीरें अपने मोबाइल से खींच ली थीं जिनकी देखकर वो अकेले में मुस्कुरा लेता था ।

मोबाइल न. लेने के बाद कमल सुषमा को 2 दिन बाद मैसेज में हाय लिखकर भेजता है मगर सुबह से रात हो जाती है और मैसेज का कोई जवाब नहीं आता है। कमल को लगता है मुझे बेवकूफ बना कर किसी और का नंबर दे दिया । तभी देर रात उसका जवाब आता है कमल देखकर बहुत खुश होता है। और दोनों ही लोगों में बातें शुरू हो जाती हैं।
बातें इस कदर बढ़ जाती हैं कि बिना बात किये उनका कोई दिन नहीं गुजरता था। बातों ही बातों में दोनों में प्यार का इजहार हो जाता है  अब दोनों बस एक दूसरे से मिलने को सोचते हैं। मगर अब कोई शादी नहीं जो फिर से उसी तरह मुलाकात हो।

इधर सुषमा C.TET का फॉर्म भरती है और कमल से इसका जिक्र करती है, तभी कमल कहता है आप फॉर्म में मेरे शहर के नज़दीक शहर में एग्जाम सेंटर भर दो अगर किस्मत में मिलना होगा तो यही सेंटर आ जाएगा। और वही हुआ ये सुनकर दोनों बहुत खुश हुए, और मिलने की तैयारी में जुट गए ।

और यहां मिलकर कमल और सुषमा खूब बातें करते हैं और हाथ पर हाथ रखकर कसमें वादें करने लगते हैं। तभी जाते समय कमल, सुषमा को एक गिफ्ट में पायल देता है। जो उसने पहले ही सुषमा के लिए खरीद कर रखी थी।

अगली मुलाकात कब होगी ये तो दोनों में से कोई नहीं जानता था, कि अचानक सायोंग ऐसा होता है कि कमल को अपने उस शहर जाना होता है जो उसकी जन्मभूमि थी और सुषमा भी कमल के शहर से करीब 10-15km   की दूरी पर दूसरे शहर में रहती थी। यहां दोनों ने अपनी दूसरी मुलाकात के बारे में सोचा मगर सुषमा घरवालों को न पता चल जाए इस डर से मना भी कर रही थी और मिलना भी बहुत चाह रही थी।
न चाहते हुए भी दोनों मिलते हैं और खूब सारी बातें करके घर जाने लगते हैं अब सुषमा ने भी कमल को उपहार के बदले उपहार देना का सोच रखा था, वो जाते हुए कमल के हाथ में एक लिफाफा देती है। कमल उसको जेब में रखता है और आ जाता है।


कुछ दिन बाद कमल वापस अपने शहर आ जाता है। और फिर वो उस लिफाफे को खोलकर देखता है, जिसमें ₹5000/-  होते हैं। कमल रुपयों को देखकर बहुत गुस्सा होता है और तुरंत सुषमा को फोन लगाकर कहता है, कि तुम मेरे प्यार को रुपयों से तौलोगे इसका अंदाजा नहीं था मुझे आपसे ये उम्मीद कभी भी नहीं थी कहकर फोन रख देता है और कभी बात न करने का फैंसला के लेता है।

इधर सुषमा उसको बात समझाने के लिए फोन कर रही होती है तो कमल उसका फोन नहीं उठता है सप्ताह निकल जाता है दोनों की बात नहीं होती है।
तभी एक दिन कमल न चाहते हुए भी सुषमा का फोन उठा लेते है, और गुस्से में कहता है बोलो क्या बोलना है ?

सुषमा : तुम जैसा समझ रहे हो वैसा कुछ नहीं है।

कमल: तो तुम ही बता दो फिर कैसा है??

सुषमा: तुमको क्या लगता मैं अपने प्यार को पैसे से तोलूंगी।

कमल: तो फिर तुमने रूपए क्यों दिए लिफाफे में रखकर? बताओ मुझे (कमल गुस्से में)

सुषमा: मेरी मजबूरी थी मैं तुमको कपड़े गिफ्ट करना चाहती थी, मगर घर वाले जाने नहीं देते ऐसे अकेले बाज़ार तो मैं खरीद नहीं सकी।इस वजह से मैंने तुमको रुपए देना सही समझा ।

कमल: समझ जाता है सुषमा की बातों को, और माफी मांगता है।

अब दोनों के बीच हुई गलत फहमी दूर हो जाती है, और पहले की तरह बातें शुरू हो जाती हैं, मगर अचानक दोनों की खुशियों को नजर लग जाती है।
इधर सुषमा की सगाई सुषमा से बिना पूछे तय कर दी जाती है वो भी उस लड़के के साथ जो बिल्कुल नाकारा होता है न कोई काम बस पिता  की आय से अपने शौक पूरे करता है और देखने में बिल्कुल ही बेकार ।

ये सब बातें सुषमा कमल से फोन पर रोते हुए बताती है।
कमल सुनकर बहुत परेशान होता है मगर कमल बेबस कुछ कर भी नहीं सकता। इधर सुषमा उस से कहती है कि घरवालों को ये पता चल गया है कि मैं फोन पर ही लगी रहती हूं। जिस वजह से वो मेरा फ़ोन छीन रहे हैं अब अगली बात आपसे कब हो किस हाल में मुझे भी नहीं पता....


बाकी की कहनी अगले हिस्से में...

© Shivam Dubey