#चिट्ठी पार्ट 3
#चिट्ठी
ठीक 10:00 बजे डोर बेल बजी गेट ओपन किया फिर एक चिट्ठी मिली अब आगे----
तुरंत चिट्ठी को उठाकर निकिता ने खोला उसमें लिखा था ठीक शाम 4:00 बजे मुझे सिग्नेचर ब्रिज पर मिलना तुम्हारा प्रिय मित्र
इतना पढ़ते ही निकिता अजनबी से मिलने की तैयारी में व्यस्त हो गई तैयार होते होते सोच रही थी कि कौन होगा जिसे में जानती हूं
और मन ही मन मुस्कुराए जा रही थी
फिर कुछ वक्त बाद निकिता घड़ी की तरफ देखती है कि 4:00 बजने वाले होते हैं वह तैयार होकर तुरंत घर से निकल जाती है
कुछ समय बाद निकिता सिगनेचर ब्रिज पर पहुंच जाती है और वहां पर लोगों की भीड़ में वह उस चेहरे को ढूंढ ही रही होती है कि उसकी नजर दो आंखों पर जाकर टिक जाती है जो उसे बड़ी देर से निहार रही थी और वह...
ठीक 10:00 बजे डोर बेल बजी गेट ओपन किया फिर एक चिट्ठी मिली अब आगे----
तुरंत चिट्ठी को उठाकर निकिता ने खोला उसमें लिखा था ठीक शाम 4:00 बजे मुझे सिग्नेचर ब्रिज पर मिलना तुम्हारा प्रिय मित्र
इतना पढ़ते ही निकिता अजनबी से मिलने की तैयारी में व्यस्त हो गई तैयार होते होते सोच रही थी कि कौन होगा जिसे में जानती हूं
और मन ही मन मुस्कुराए जा रही थी
फिर कुछ वक्त बाद निकिता घड़ी की तरफ देखती है कि 4:00 बजने वाले होते हैं वह तैयार होकर तुरंत घर से निकल जाती है
कुछ समय बाद निकिता सिगनेचर ब्रिज पर पहुंच जाती है और वहां पर लोगों की भीड़ में वह उस चेहरे को ढूंढ ही रही होती है कि उसकी नजर दो आंखों पर जाकर टिक जाती है जो उसे बड़ी देर से निहार रही थी और वह...