टूटी हुई छत
टूटी हुई छत.......
"अम्मा, देखो तो, वो वाला सितारा कितना चमक रहा है...... और वो देखो एक सितारा तो चल भी रहा है.... अम्मा ये सितारे इतने छोटे-छोटे क्यों होते हैं...? मुझे सितारे बड़े अच्छे लगते हैं.... मुझे इनके साथ खेलना है अम्मा.....अम्मा, ये सितारे दिन में क्यों नहीं दिखाई देते....." अपने बच्चे के पूछे गए इन सवालों का जवाब शायद मां के पास नहीं था, इसलिए मां कहती है," अरे सो जा न अब... तुझे क्या लेना है इन तारों-सितारों से....." "अम्मा, मुझे खेलना है इनसे....." बच्चे ने बड़े ही करुणामयी भाव से जिद्द की तो माँ की ममता ने उसे झिंझोड़ा और माँ ने अपने बच्चे को अपने सीने से लगाते हुए कहा," अरे बेटा, ये तारे-सितारे हमारे लिए कहां बने हैं.... जिस रात को तू तारों-सितारों की महफ़िल समझ रहा है, वह रात तो हम जैसे गरीबों के लिए कुछ पल आराम करने को होती है.... दिन-भर का काम और रात के दो पहर का...
"अम्मा, देखो तो, वो वाला सितारा कितना चमक रहा है...... और वो देखो एक सितारा तो चल भी रहा है.... अम्मा ये सितारे इतने छोटे-छोटे क्यों होते हैं...? मुझे सितारे बड़े अच्छे लगते हैं.... मुझे इनके साथ खेलना है अम्मा.....अम्मा, ये सितारे दिन में क्यों नहीं दिखाई देते....." अपने बच्चे के पूछे गए इन सवालों का जवाब शायद मां के पास नहीं था, इसलिए मां कहती है," अरे सो जा न अब... तुझे क्या लेना है इन तारों-सितारों से....." "अम्मा, मुझे खेलना है इनसे....." बच्चे ने बड़े ही करुणामयी भाव से जिद्द की तो माँ की ममता ने उसे झिंझोड़ा और माँ ने अपने बच्चे को अपने सीने से लगाते हुए कहा," अरे बेटा, ये तारे-सितारे हमारे लिए कहां बने हैं.... जिस रात को तू तारों-सितारों की महफ़िल समझ रहा है, वह रात तो हम जैसे गरीबों के लिए कुछ पल आराम करने को होती है.... दिन-भर का काम और रात के दो पहर का...