यादें कुछ ऐसी भी
मैंने कहा भी था तुमसे तुम रुक जाओ, एक बार फिर मुड़ के देख लो पर तुम नहीं रुके ए दोस्त, तुम्हे जाते हुए 6 साल हो चुके। पर एक बार भी तुमने मुड़के न देखा।
यहाँ तक की मैं...
यहाँ तक की मैं...