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इत्तेफ़ाक...✍️ chapter–0
सुबह के 5:00 बज रहे थे। शेखर प्रतिदिन की तरह सुबह उठकर व्यायाम करने के बाद बालकनी में बैठा चाय की चुस्कियां ले रहा था।
शेखर को प्रकृति से बहुत लगाव था। इसलिए उसने अपनी बालकनी को हरा भरा रखा था वह उसकी बालकनी में हर तरह के पेड़ पौधे फूल लगे हुए थे। और उन फूलों की सुगंध आसपास के वातावरण को महका रही थी। तभी नीचे से...