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डिजिटल इश्क़
आज मैं आपसे कुछ ऐसी बातें साझा करने जा रही हूं जो मुझे लगता है आप में से कुछ लोगों ने नोटिस तो ज़रूर किया होगा अपनी ज़िंदगी में। जी बिल्कुल सही, और जो आज कल की युवा पीढ़ी पर बिल्कुल सही भी बैठती है,जी हां मैं यहां पर बात करना चाहती हूं ऐसे लैला मजनू की, जो मोहब्बत, इश्क़, प्यार के नाम पर फूहड़पन और नग्नता को बढ़ावा देती है। बात तब की है जब पंडित जी और मैं, सपरिवार छुट्टियां मनाने गए तो पार्क में टहलते हुए हमने ऐसे कई युगल जोड़ों को देखा,जो पेड़ों के पीछे,तो कहीं सुनसान सी जगह पर, कहते हुए भी शर्म आती है, पता नहीं क्या भसड़ मचा रहे थे। अब सोचने वाली बात ये है कि सार्वजनिक स्थानों पर जब ये लोग ऐसा खुलेआम करते हैं तो सोचिए गर इनको एकांत नसीब हो,तो ये लोग क्या से क्या कर सकते हैं। ऐसे लोग बिल्कुल भी ये नहीं सोचते कि पार्क है तो भीड़ भाड़ होगी, बच्चे, बूढ़े हर तरह के लोगों का आवागमन होता है, पर नहीं,इनको तो बस चिपकने से मतलब है। माफ़ कीजिएगा अगर मेरे किसी शब्द से आपको आपत्ति होती है तो। मतलब ये है कि इनके संस्कार कैसे होंगे जो ये खुलेआम हवस को बढ़ावा दे रहे हैं। और आज कल सोशल मीडिया से प्रभावित ऐसे कई छोटे छोटे बच्चे, पढ़ने की उम्र में, प्रेमिका/प्रेमी की चाह पाले, गुनाह के दलदल में धंसते चले जा रहे हैं। हाल तो ये है कि लड़कों को आंटियां चाहिए और औरतों को अपने से कम उम्र के लड़के। जिसे देखो आंखों में हवस की आग लिए भूखा नज़र दौड़ा रहा है कि कहीं कोई फंस जाए। इन सब में दोष सिर्फ लड़कों का नहीं, काफ़ी हद तक लड़कियां भी इसके लिए जिम्मेदार है। ख़ुद को independent करार दे कर, परिवार वालों के खिलाफ जा कर, उनसे दूरियां बढ़ा ये लड़कियां ख़ुद के लिए मुसीबत मोल लेती है। परिवार एक ऐसी बुनियाद है जिसकी छत्र छाया में हम ख़ुद को महफूज़ पाते हैं और इतिहास गवाह है जब जब हमने परिवार को महत्व नहीं दिया, हमने मुंह की खाई है। अपने पैरों पर खड़े होना बड़े गर्व की बात है,साथ ही साथ हमें अपने संस्कार और संस्कृति को भूलना नहीं चाहिए। लोगों की गंदी नज़र हम पर पड़े, ऐसा कोई ग़लत काम नहीं करना चाहिए। याद रखिए ये वही दुनिया है जहां पर सीता माता को भी अग्निपरीक्षा देनी पड़ी थी फिर हम तो साधारण से मनुष्य हैं। अपना हर क़दम फूंक फूंक कर रखिए। प्यार और हवस के बीच के अंतर को पहचानिए और सुरक्षित रहें। ये जीवन बहुत अनमोल है,इसका सदुपयोग करें न कि इसे किसी के बहकावे में आ कर बर्बाद करें।
आशा करती हूं आप मुझसे सहमत होंगे।
धन्यवाद 🙏
© Aphrodite