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दो दिलों का प्यार ( भाग-15 )
उन लोगों के आते ही उसकी मम्मी पूछती है आप कोन है ? तभी अंजलि कहती है, मम्मी में इन्ही के ऑफिस में जॉब करती हूं ये सर है मेरे, और ये मेरी असिस्टेंट है जो मेरी कामों में मदद करती है.... ये बातें प्रेम कहता है। सर को देख वो उनके आने की वजह पूछते है तभी प्रेम कहता है मुझे आपसे कुछ बात भी करना है, इसलिए हम थोड़ी देर बाद बात करेंगे, यह कहकर प्रेम चला जाता है। करीब आधा घंटा तक अंजलि का चेकअप चलता है, उसी बीच अंजलि अपने तबियत खराब होने की वजह पूछती, जोकि अभी तक उसकी मम्मी पापा नही बताते की उसको ब्रेन ट्यूमर है। वो कहते है जल्द बता दूंगी, अब तू सो जा, पूरी तरह ठीक होने पर हम डिसचार्ज करवा लेंगे..... यह कहकर वो बाहर चले जाते है। बाहर आते ही प्रेम उनसे पूछता है अंकल अंजलि को क्या हुआ है ? वो गुस्से में कहते है इससे तुमकों कोई लेना देना नही है, चले जाइये आप, प्रेम फिर कहता है, में अंजलि को पसंद करता हूँ और ये हक़ है मेरा जानने का, की उसे क्या हुआ है प्लीज बताइए मुझे। उसकी यह बात सुन वो हैरान हो जाते है, देखो बेटा अभी भी समय है तुम्हे पूरा सच नही पता इसलिए तुम ये प्यार वाली बातें कर रहे हो, अंजलि को ब्रेन ट्यूमर है और डॉक्टर ने बोल दिया है कि उसके पास कुछ महीने या साल बचे है। प्रेम यह सुनकर उसको विश्वास नही होता.... लेकिन वो धैर्य के साथ प्यार भरी शब्दो में बिना सोचे समझे वो कहता है अंजलि को अब में पूरी तरह ठीक करूँगा, उसका हमेशा ख्याल रखूंगा.... आप लोग फिक्र मत करिए में उसको कुछ नही होने दूँगा.... उनको बात करते देख अंजलि पूरी बात सुन लेती है, और तेज़ तेज़ से रोने लगती है प्रेम जैसे पीछे मुड़कर देखता है अंजलि अंदर से दरवाजा बंद कर लेती है और रोने लगती है। बाहर से उसके मम्मी पापा, प्रेम और डॉक्टर दरवाजा खटखटाते है। लेकिन प्रेम दूसरे दरवाजे से अंदर आकर दरवाजा खोलता है। अंजलि उस समय गुस्से में रहती है वो क्या क्या बोल रही थी उसे खुद को भी नही पता था, प्रेम उसके पास जाकर उसे समझाने की कोशिश करता है।

To Be Continued.......