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फादर्स डे
*फादर्स डे*

*आज फादर्स डे है। भाव हुआ कि आज भौतिक माता पिता के आभार प्रकट करें। सो कुछ पंक्तियां उन्हीं के भाव में सराबोर होकर प्रस्तुत हैं।*


*प्राचीन गुरुकुल पद्धति की गरिमा*

पुराने जमाने में विद्या अर्जन करने के लिए गुरुकुल हुआ करते थे। आजकल की तरह स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी नहीं हुआ करती थीं। नालन्दा विश्वविद्यालय जो बिहार में था, हम उससे भी पहले की बात कर रहे हैं। हालांकि नालन्दा विश्वविद्यालय की शिक्षाएं भी उच्च कोटि की शिक्षाएं थीं। समय के साथ वह नालंदा विश्वविद्यालय भी तितर बितर हो गया। उस जमाने में गुरुकुलों में विद्यार्थियों को सबसे पहले जीवन की कुछ मूलभूत बातें जिन्हें जीवन में व्यवहारिक रूप देना होता है, कुल गुरु प्राचार्य सिखाया करते थे। उन सभी प्रकार की शिक्षाओं में सबसे पहली शिक्षा थी, अपने माता पिता और गुरुजनों का सम्मान करो। वही परंपरा वर्तमान समय भी जहां तहां चली आ रही है। आजकल के गुरुकुलों में भी वही पुरानी शिक्षा थोड़े से बदलाव के साथ सिखाई जाती है। पर वही पुरानी शिक्षा पद्धतियों की बात अब सब जगह नहीं है।

*परिस्थिति परिवर्तन से शिक्षा पद्धति पर प्रभाव*

वह तो थी पुराने जमाने की बात। मुझे मेरे बचपन की कुछ स्मृतियां याद हैं। मुझे परिवार के वरिष्ठजन रोज सुबह उठते ही माता पिता को प्रणाम कर उनके चरण स्पर्श करना सिखाया करते थे। मुझे भी याद है कि मैं रोज सुबह उठकर...