जहाँ जंगली जानवर इंसानों को खरीदकर खाते है ( भाग - 5 )
तभी चटटानो पर बैठा शेर बाघ से पूछता है की क्या खबर लाए हो' और तुम खाली हाथ क्यों आए हो ?
बाघ :- महाराज! आज पूरे दिन मैंने जंगल से गुजरने वाले रास्ते पर निगरानी रखी थी, और इन दोनो के अलावा मुझे कोई इंसान वहां नजर नही आया ।
वो नील के और उसके बाद जिस आदमी को लाया गया था वो उन दोनो की तरफ इशारा करके बोलता है उसको अपनी तरफ इशारा करते देख नील डर जाता है ।
फिर सोचता है की इसका मतलब इन दोनो शेरो ने मुझे झाड़ियो के बीच छिपा हुआ देख लिया था, पर वह ये बात अभी भी नही समझ पाया था की वो पिंजरे मे कैसे आया ।
बाघ फिर से बोलते हुए महाराज! जंगल के उस रास्ते का खौफ इंसानो मे इस कदर फैल चुका है की उन्होंने उस रास्ते से गुजरना ही छोड़ दिया है ।
शेर मंद-मंद मुस्कुराते हुए बस अब इंसानो में ये...
बाघ :- महाराज! आज पूरे दिन मैंने जंगल से गुजरने वाले रास्ते पर निगरानी रखी थी, और इन दोनो के अलावा मुझे कोई इंसान वहां नजर नही आया ।
वो नील के और उसके बाद जिस आदमी को लाया गया था वो उन दोनो की तरफ इशारा करके बोलता है उसको अपनी तरफ इशारा करते देख नील डर जाता है ।
फिर सोचता है की इसका मतलब इन दोनो शेरो ने मुझे झाड़ियो के बीच छिपा हुआ देख लिया था, पर वह ये बात अभी भी नही समझ पाया था की वो पिंजरे मे कैसे आया ।
बाघ फिर से बोलते हुए महाराज! जंगल के उस रास्ते का खौफ इंसानो मे इस कदर फैल चुका है की उन्होंने उस रास्ते से गुजरना ही छोड़ दिया है ।
शेर मंद-मंद मुस्कुराते हुए बस अब इंसानो में ये...