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आजादी प्यार के.....
पता है इंसान जिससे मोहब्बत करता हैं न, उसको अपने पास रखने के चक्कर में उसे क़ैद करने लगता हैं और उसे लगता हैं कि वो उसका प्यार हैं लेकिन नहीं, वही प्यार उसके साथी को क़ैद लगने लगता हैं । तब उस शख्स को प्यार कम और घुटन ज्यादा लगने लगता हैं । जैसे, एक इंसान एक तोते को पिंजरे मे क्यो रखता हैं, "क्योंकि उसको वो अच्छा लगता हैं वो उससे प्यार करता हैं ,वो अपनी खुशी के लिए उसको पकड़ के रखता है , बहुत अच्छी- अच्छी चीजें खिलाता है वो शख्स उससे हर एक चीज़ देता है, हद से ज्यादा प्यार करता हैं, लेकिन तोते को तो घुटन ही लगता हैं न । तुम्हे लगता हैं कि वो तुमसे प्यार करता हैं लेकिन नहीं वो तुमसे नफरत करने लगता हैं । तुमसे दूर जाने की सोचने लगता हैं । ठीक उसी प्रकार इंसान भी होता हैं , अगर मोहब्बत हैं तो उसे क़ैद नहीं आजाद करो, उसे जीना सिखावो, उड़ना सिखावो, लोगो से बाते करना सिखावो, ना की उसे क़ैद करने कि सोचो।
और मुझे इतना भरोसा हैं कि अगर आपका प्यार सच्चा होगा न तो आपको छोड़ के कभी नहीं जाएगा, और अगर चला भी जाये न तो लौट के जरूर आएगा । चाहे वो कोई पंछी हो या इंसान । जिने का उसको सही मतलब सिखावो ।
- vartika