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दो दिलों का प्यार ( भाग-16 )
प्रेम उसको शांत कराने की कोशिश करता है, पर अंजलि का रो रो कर उसकी हालत और खराब हो जाती है। डॉक्टर तुरंत उसके पास आकर बेहोशी का इंजेक्शन लगाते है। उस समय वहां का हालात बहुत बिगड़ा हुआ था, किसी को कुछ समझ नही आ रहा था कि आखिर करे तो क्या करे ? प्रेम अच्छी तरह जानता है कि अब उसे क्या करना है, वो तुरंत उस डॉक्टर के पास जाते है, प्रेम डॉक्टर से कहता है, की आप ही अंजलि का शुरू से चेकअप कर रहे है ? डॉक्टर हा में जवाब देते है। प्रेम कहता है, अंजलि की यह हालत इतनी कैसे बिगड़ गयी, क्या कोई दूसरा उपाय है जिससे में अंजलि की मदद कर सकूं ? डॉक्टर कहते है, सॉरी सर, में आपकी बात समझ सकता हूँ, जब तक हमारे कंट्रोल में situation था तब तक अंजलि की हमनें पूरी मदद की, पर ब्रेन ट्यूमर ज़्यादा बढ़ने से धीरे-धीरे उसके शरीर पर असर दिखाई दे रहा है, यही वज़ह है कि जब वो ज़्यादा टेंशन ले लेती है तब वो बेहोश हो जाती है। प्रेम यह सुनकर निराशा भरी आवाज में कहता है, डॉक्टर मैंने पहली बार दिल से किसी को पसंद किया है, और अंजलि की ये हालत नही देखा जा रहा मुझसे, मुझे बहुत तकलीफ हो रही है, प्लीज डॉक्टर कोई दूसरा उपाय हो तो बताइए, डॉक्टर थोड़ा सोच-विचार कर कहते है, अगर भगवान ने किसी में कोई कमियां लाई है तो उसे ठीक करने का मौका भी देती है, अंजलि का ब्रेन ट्यूमर का इलाज हो सकता है, लेकिन उसके लिए बहुत खर्च लगेगा.... और ये ऑपरेशन दूसरे एरिया में होगा। यह सुनकर प्रेम को खुशी का कोई ठिकाना नही रहता है वो डॉक्टर को गले लगा लेता है और थैंक्यू कहता है। अंजलि के परिवार को यह सब बातें प्रेम बता देता है, वो उनको भरोसा दिलाते हुए कहता है अब आप लोग बिल्कुल फिक्र मत करिए, जल्द सब ठीक हो जाएगा, मुझ पर भरोसा रखिये। प्रेम अंजलि के कमरे में जाता है, अंजलि अपने कमरे में बैठ रो रही थी। प्रेम को देख वो कहती है सर आप चले जाओ यहाँ से मुझे अभी किसी से बात नही करना है। प्रेम मुस्कुरा कर कहता है, क्या तुम अभी भी मुझे सर बोलोगी ? प्रेम उसके पास जाकर बैठ जाता है और उसके आँसू पोछ कर उसे प्यार से भरे शब्दों में हैप्पी बर्थडे अंजलि बोलता है, मैंने तुम्हारे लिए एक सरप्राइज रखा है, अंजलि कहती है कोन सा सरप्राइज ?वो अंजलि को फूलों से भरा गुलदस्ता देता है.... उस गुलदस्ते में प्रेम एक चिट्ठी रखता है जिसे अंजलि पढ़कर रोने लगती है, सर आप कैसे मुझसे प्यार कर सकते है, मेरा तो अब आगे कोई ज़िन्दगी ही नही है तो फिर ? प्रेम बोलता है, जैसा तुम सोच रही हो वैसा कुछ नही होगा, में पसंद करता हूं तुम्हें, इस ब्रेन ट्यूमर का इलाज है अंजलि तुम बहुत जल्द ठीक हो जाओगी भरोशा रखो मुझपे.... अंजलि यह सुन प्रेम को गले लगा लेती है। तभी प्रेम अंजलि को हंसाने के लिए कहता है अच्छा अब एक काम तुम्हे करना पड़ेगा.... तुम मुझे प्रेम बोला करो, सर मत कहा करो मुझे थोड़ा अजीब लगता है। यह सुनकर अंजलि हँसने लगती है।

To Be Continued........