मेरी बहना
मेरी बहना
क्या ही लिखूं उसके लिए
वो मुझ जैसी ही पहेली है
छोटी है मुझसे मगर
फिर भी एक सहेली है
परछाई बन कर भले न घूमे
चलती मेरे वो साथ है
हाथो में भले उसका हाथ नहीं
मुश्किलों...
क्या ही लिखूं उसके लिए
वो मुझ जैसी ही पहेली है
छोटी है मुझसे मगर
फिर भी एक सहेली है
परछाई बन कर भले न घूमे
चलती मेरे वो साथ है
हाथो में भले उसका हाथ नहीं
मुश्किलों...