शोनार बांग्ला: ऐसा भी कोई बंगाल था।
"जानें वो कैसे लोग थे... "
भारत-माँ के लिए मर मिटने वाले
कभी ये देश के लिए ख़ुशी ख़ुशी फ़ासी पर चड जानें वाले भारत के उस प्रथम सबसे युवा क्रांतिकारी
की भूमि थी
"एक बार बिदाई दे माँ,
घूरे आशी...
हाशी हाशी पोरबो फाशी देखबे भारत बाशी... "
ये गीत था ख़ुदी राम बोस का
यह गीत सुन आज भी आँख में आँसू आ जातें हैं..
18-19 वर्ष के लड़के के यह भाव थे, भारत माँ के लिए, देश के लिए
यह साहस था..
और आज वहा के युवा लड़कों का ये साहस हैं!?
कभी यह भूमि थी मेरे सर्व प्रिय नेता
सुभाष चंद्र बोश की..
जिसकी एक आवाज़ पर पुरा बंगाल तैयार था...
देश के लिए अपना सर्वस्व त्यागने को
बंगाल ही नहीं पुरा भारत वर्ष एक हो गया था..
भारत की आज़ादी के लिए।
महान वैज्ञानिक... !
महान कला, साहित्यकार,कवियों की ये भूमि..
आध्यात्म का गड..
देश ही नहीं पूरे विश्व को आधात्यम और आत्म्बोध से रूबरू कराने वाला बंगाल।
उसकी आज ये स्थिति हैं... !?
यह दशा हैं?
किस किस का नाम लूँ के कौन कौन इस माटी से जन्मा हैं...
कितनी सुंदर आत्माओं ने यहां जनम लिया हैं..💐
किस तरह बंगाल ने अपनी आत्मिक खुबसुरती से जगत को प्रभावित किया हैं..
महज़ प्रभावित ही नहीं इसने समग्र जगत को उठाने
में एक अहम भूमिका निभाई हैं।
आज उस बंगाल का ये हश्र हैं!?
यह बंगाल नहीं दलदल सा मालूम होता हैं
इतनी गंदगी...
जहाँ हर दिन किसी के गर्त मे धसे जाने की ख़बर आती हैं
क्या पश्चिम बंगाल और क्या पूर्ब बंगाल (बंगलादेश)
सभी एक ही हैं..
जहां मार काट, हिंसा और स्त्रियों के साथ अभद्रता..
बस यही अब क्या बंगाल हैं!?
बांग्लादेश की तो अलग ही कहानी हैं.. 🤦♀️
किंतु भारत के बंगाल की भी आज कम बुरी दशा नहीं हैं...
ममता नाम का धब्बा जो लगा हैं इस पर..
हकीकत में जो अपने नाम का ख़ुद antonym हैं..
और पूर्ब-बंगाल(बांग्लादेश) 🤦♀️ जो कभी भारत का हिस्सा था.. ठीक हैं इस्लाम उनका so called मजहब हैं..
किंतु बंगाल के इंस्लाम परिवार से काज़ी नजरुल इस्लाम जैसे कवि ने भी जनम लिया हैं
जिन्होंने...
सदा सत्य के पक्ष में अपनी बात रखी
और नारियों के सम्मान में अपनी बात कही
जिनका सम्मान बोधपूर्ण मुसलमान ही नहीं..
भारत का भी बंगाली हिंदूं समाज करता हैं..
अक्सर कई देश भक्त, अपने मूल से जुड़े हुए परिवार के घर में बंगाल के समस्त महान आत्माओं के साथ में आपको इनकी भी तस्वीर दिखेगी, भले ही वह घर हिंदू का ही क्यों ना हो।
स्वयम मेरे घर में इनकी तस्वीर लगी हैं
सुबास चंद्र बसु और एवम बंगाल के कई
spiritual leaders एवम महान आत्माओं के साथ।
हाँ इनकी भी तस्वीर लगी हैं, though he belong to a Muslim family.
( और ये होना चाहिए...
हर घर में होना चाहिए कुछ नहीं तो घर में जो बच्चे हैं उन्हें हम कुछ अलग से ना भी सिखाये तो कम से कम इनकी छबी तो उनके भीतर अचेतन में जाएगी
बहुत नहीं तो शुक्ष्म स्तर पर ही सही
और आपका अचेतन ही आपका व्यक्तीव निर्मित करता हैं आपका जीवन और उसकी दिशा निर्धारित करता हैं। जैसे बच्चों को आप कुछ ना भी सिखाओ
न, माता पिता औरों के साथ क्या करते हैं
कैसा व्यहवार करते हैं ठीक वही copy बच्चा बड़ा होके बन जाएगा except के कोई बच्चा सजग अवस्था में जनमा हैं; माता पिता की बेवकूफियों को वह नहीं दोहराएगा। किंतु सोई हुई अवस्था में बच्चा जो देखेगा सब copy कर लेगा, अच्छा तो अच्छा, बुरा तो बुरा क्योंकि अचेतन सब record कर रहा हैं...
किन्ही देश के युवा कैसे हैं!
यह इस बात का प्रमाण देतें हैं के उस देश के वर्तमान के बुजुर्ग कैसेे रहे होंगे।
मेरे माता पिता का ये उपकार हैं मुझ पर..
उन्होंने मुझे कुछ सिखाया नहीं..
किंतु सुभाष चंद्र बोश एवम स्वामी विवेकानंद से जुड़ी मेरे जीवन की कहानी हैं एक..
कभी जी आया तो ज़िक्र करूँगी उनका..
हालाँकि मैंने विवेकानंद को कोई बहुत पढ़ा नहीं हैं
और मेरा पथ उनसे काफ़ि भिन्न हैं
फ़िर भी...
passively he has definitely played a role in my life, thanks to my parents. They did it unconsiously but it had great impact in my mind even as a 7 year old child.
खैर काज़ी नज़ीर इस्लाम जो की फ़िल्हाल बांग्लादेश के रास्ट्र कवि माने जाते हैं...
उनकी समझ क्या थी!
और इनकी हरकतें तो देखो !
जैसे आदिमानव के युग से उठ कर आए हैं.. 🤦♀️
Yuk! Just yuk!
बस यही expression आता हैं देख कर।
भारत का बंगाल कहीं कहां कम हैं
आज नारी की जो वहां स्थिति हैं...
और लोगों की जो वहां दुर्दशा हैं..
उसकी अवस्था देख भी मन में कोई सुंदर भाव नहीं आते...।
(मैं समझ नहीं पाती, केंद्र सरकार क्यों इस पर कोई कडा रुख नहीं अपनाती!?)
क्यों वहां कोई ऐसा नेता जनम नहीं ले पा रहा... !?
जो बंगाल को फ़िर अपने मूल स्वरूप में ले जा सके!?
बंगाल के तो जब खून में ही क्रांति हैं..
आध्यात्म है...
यह लड़ा हैं सदा से..
महज़ अपने लिए नहीं पूरे भारत वर्ष के लिए लड़ा हैं
महज़ भरात ही नहीं पूरे विश्व के लिए चला हैं..
पूरे विश्व का मार्गदर्शक रहा हैं।
इसने सत्य-पथ दिखाया हैं सदा से जगत को
वह भूमि थी बंगाल...
मग़र...
जानें वो कैसे लोग थे!?
के बंगाल को शोनार बांगला( golden बंगाल)का दर्जा दिया था..
क्या इस बंगाल को हम स्वर्ण बंगाल कह सकते हँ... ?
बंगाल को एक बहुत ही बोध पूर्ण- प्रभावी- शक्तिशाली नेता की पुनः दरकार हैं..
जो इसकी सुंदरता और पवित्रता को पुनः स्थापित करे।
मैं बचपन से अब तक जब तक मैं बड़ी हुई हूँ..
मैंनें सदा से यह अनुभव किया था..
के हर व्यक्ति जब यह जानता हैं...
के आप बंगाल से हो
उसके चेहरे पर एक सुंदर सी smile आ जाती हैं, अथवा एक उत्साह व सम्मान का भाव देखा हैं मैंने उनके चेहरे एवम gesture में, जैसे ही वह जान पाता हैं के आप बंगाली हों।
Wherein,
I used to wonder..
why people get exicited knowing you are from bengal Or bengali, and show you so much respect kind of. I don't know, why it was like that!?
May be because of our पूर्बज...
मैं Guajrat में रहती हूँ किंतु यहां स्वमीं विवेकानंद के प्रति श्रद्धा रखने वाले इतने लोगों से मिली हूँ जितने बंगाल में व बंगालियों में भी नहीं देखी..
इतनी श्रद्धा इतना respect towards the Narendra of bengal ( I mean swami vivekanand).
शायद यही कारण होगा...
यह आपके पुरबजों के कर्म होंगे जिसके सम्मान का भोग आप करते हैं।
किंतु बंगाल की जो आज दशा हैं...
यह ह्दय को व्यथित करने वाली हैं।
hope बंगाल पुनः स्वर्ण बांगला बन सके।
1.36pm
12.8.2024
© S🤍L