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Mistake in love (part-11)

अलीशा को रोहन की बाहों मे देख कर शोभा जी थोड़ा गुस्से से अपना गला साफ करते हुए बोली "यहाँ क्या चल रहा है।"

रोहन अपनी माँ की आवाज सुन कर हड़बड़ा गया और अलीशा को छोड़ दिया जिससे अलीशा जमीन पर जा गिरी।
अलीशा गिरते ही दर्द से कराई "आह रोहन जी ।"
अलीशा की आवाज सुन कर शोभा जी का गुस्सा छु हो गया, वो जल्दी से अलीशा के पास आई और बोली " बेटा तुम ठीक तो हो ।"

अलीशा अपना हाथ सहलाते हुए बोली " जी आंटी जी मै ठीक हु ।"
शोभा जी रोहन को डाटते हुए बोली "नालायक कही का मेरा मुँह क्या देख रहा है ,जा उसे उठा ।"

अपनी माँ की बात सुनकर रोहन जल्दी से अलीशा को उठाने लगा ।
अलीशा को रोहन पर बहुत गुस्सा आ रहा था मगर शोभा जी वहाँ थी इसलिए अलीशा रोहन को कुछ नही बोली और चुपचाप रोहन का सहारा लेकर अपनी जगह पर खड़ी हो गई।

अलीशा ठीक से खड़ी होकर अपने कपड़े और बालों को ठीक करने लगी।
(अलीशा फ्लोर से ज्यादा दूर से नही गिरी थी इसलिए उसे ज्यादा चोट नही लगी लेकिन सम्भलने के लिए उसने अपने हाथ का सहारा लिया था इसलिए उसका हाथ थोड़ा दर्द हो रहा था।)

अब तक शोभा जी ने अलीशा को अच्छे से नही देखा था मगर जब अलीशा उनके सामने खड़ी हुई तो वो उसे देखते ही रह गई क्योंकि अलीशा ने डार्क ब्लू रंग की चूड़ीदार सूट सलवार पहन रखा था ,जिसके गर्दन में कुंदन और जरी का वर्क किआ था जो कि उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रही थी, उसकी आँखें ब्लैक ब्राउन रंग के थे जिनमें डार्क काजल का सेड ,लिप्स में हल्का पिंक रंग का लिप्केयर, कानो में छोटे छोटे ब्लू रंग के ईअर रिंगस ,हाथो में स्टील की चूड़ियां और बालो की सागर चोटी की हुई जो उसकी कमर से नीचे तक थी।

रोहन और रोहित ने जब अपनी माँ को अलीशा को ऐसे देखते हुए देखा तो रोहन ने रोहित को कोहनी मारकर आँखो से इशारा किया, रोहित समझ गया की उसका भाई उससे क्या कह रहा है और वो अपनी माँ के पास जाकर उनके कान मे धीरे से बोला- "माँ, कहाँ खो गई भाभी काफी खूबसूरत है न।"

शोभा जी खोई हुई बोली "बेहद" ।

अपनी बात कहने के बाद अचानक से शोभा जी को ध्यान आया और उन्होंने हड़बड़ाते हुए अपनी नजरे अलीशा से हटा ली और अलीशा के पास जाकर बोली- "क्या तुम ही अलीशा हो।"
अलीशा ने हा में सर हिला दिया।

अलीशा ने शोभा जी के पैर छुए और आशीर्वाद लिया। शोभा जी अलीशा के कन्धों को पकड़ कर बोली - "इसकी कोई जरूरत नही है बेटा ,लेकिन जब तुमने पैर छू ही लिए है तो आशीर्वाद तो बनता है।"

इतना कह कर शोभा जी ने अलीशा के सिर में हाथ रख कर कहा- "खुश रहो हमेशा और जहाँ भी रहो खुशियां बिखेरती रहो।"

अलीशा ने जरा सा मुस्कुरा दिया और फिर उसने शोभा जी से बड़े ही मासुमियत से कहा- "आंटी जी आपने मुझे यहां क्यों बुलाया ?"

शोभा जी उसका हाथ पकड़ कर उसे सोफे में ले जाकर बैठाते हुए बोली - "बस बेटा रोहित ने तुम्हारे बारे में बताया तो तुमसे मिलने का मन किया इसलिए मैंने तुम्हें फोन लगा दिया बस और कोई बात नहीं है।"

शोभा जी ने इतना कहकर घर के एक सरवेंट जिनका नाम चंपक काका था उन्हे आवाज लगाई "चंपक काका जरा दो कप चाय बना लाये।"

इतने में अलीशा ने शोभा जी की बात काटते हुए उनसे कहा -"जी आंटी जी sorry मगर मै चाय नहीं पीती।"

इस पर शोभा जी ने रोहन की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए अलीशा से कहा - " अरे हमारा रोहन भी नहीं पीता चाय ,लगता है खाने पीने के मामले में तुम दोनों की चॉइस एक जैसे ही हैं।"

इतना कहकर वो हंस पड़ी।

रोहित झट से अपनी माँ से बोला - "नहीं माँ, ये रोहन भाई के जैसी नहीं मेरे जैसी हैं, हंस..मुख । रोहन भैया तो खड़ूस है जिसके नाक में हमेशा गुस्सा बैठा हुआ रहता है ।"

इतना कहकर वह वहां से भाग गया तो रोहन भी उसके पीछे सिर झटकते हुए भागा - "रुक तुझे बताता हूं गधे।"

अलीशा दोनो को ऐसा देख कर ऑकवर्ड सा महसूस करने लगी और उन दोनो को वहां से जाता देखने लगी शोभा जी ने उसे ऐसा देखते हुए पाया तो वो बोली- "इनका तो रोज का है ये , तुम इन पर ध्यान मत दो। "

फिर थोड़ी देर उन दोनों आपस में बातें करने लगे। कुछ देर ऐसे ही चलते रहा।

फिर शाम होने वाला था इसलिए अलीशा ने शोभा जी से कहा- "आंटी जी अब मुझे घर चलना चाहिए शाम होने वाली है।"
शोभा जी ने अलीशा के गालों पर प्यार से हाथ रखते हुए कहा-"तुम्हारे साथ बातें करते हुए कब शाम हुई, वक़्त का पता ही नही चला, लेकिन बेटा तुम अकेली नही जाओगी मैं अभी तुम्हारे जाने का इंतजाम करवाती हूँ तुम रुको।

शोभा जी ने अपने घर के ड्राइवर से कार निकालने को कहा ।
अलीशा शोभा जी को टोकते हुए बोली- "नहीं आंटी जी इसकी कोई जरूरत नहीं है, मैं खुद चली जाऊंगी ।"
उतने में रोहित वहां आ गया तो रोहित ने अपनी मां से कहा- "कोई बात नही माँ इन्हें मैं छोड़ कर आ जाता हूं।" 

शोभा जी ने भी उसे जाने की परमिशन दे दी और खुद अपने रुम में चली गई।

फिर दोनों जाकर कार में बैठ गए और रोहित ने जैसे ही कार स्टार्ट की वैसे ही रोहन कार के सामने आकर खड़ा हो गया और रोहित से मस्ती करते हुए कहा - "कहाँ चली हमारे गधे की भाभी सवारी।"

इस पर रोहित ने उदास होते हुए कहा- "क्या भाई आप मुझे ऐसे क्यों बुलाते हो , हटिये रास्ते से जाने दीजिए।" 
उस पर रोहन ने रोहित से कार की चाबी छीनते हुए बोला- "तू नही मैं जाऊंगा इधर ला चाबी।"

ये सब होता अलीशा चुप चाप देख रही थी और उसे तेज गुस्सा भी आ रहा था तो वो बिना कुछ बोले कार से निकल कर जाने लगी और पीछे मुड़ कर उन दोनों की तरफ देख कर बोली- "आप दोनों लड़ते रहिये मैं ऑटो रिक्से से चली जाउंगी।"

इतना कह कर वो वहां से जाने लगी कि तभी रोहन ने अलीशा का हाथ पकड़ कर उसे अपनी ओर खींचा और उसे कमर से पकड़ लिया।

अलीशा कसमसाते हुए बोली- "छोड़िये मुझे , सब देख रहे है।"

रोहन जानबूझ कर इधर उधर देखते हुए बोला- "कौन, कहाँ देख रहा है ,कोई भी तो नही है ।"

रोहन की बात सुनकर सारे सरवेंट वहां से चले गए।

उतने में रोहित अपने आँखो में हाथ रख कर जोर से आवाज लगते हुए बोला- "मैने भी कुछ नही देखा मैं अंधा, गूंगा, बेहरा सब हो गया हूं।"
इतना कहते हुए वो भी घर के अंदर चला गया।

रोहन मुस्कुराते हुए बोला- "हाँ तो अब बोलो ,कौन है यहां ,हमारे सिवा ।"

अलीशा बोली - "आप बहुत गंदे है छोड़ दीजिए न प्लीज मुझे घर जाने में लेट हो जाएगा।"

इस बात पर रोहन ने अलीशा से कहा - "अच्छा अगर जाना चाहती हो जल्दी से एक किश दो और चली जाओ।"

जब अलीशा ने देखा रोहन नही मानेगा तो अलीशा ने सामने देख कर कहा- "आंटी जी देखिए ना।"

अलीशा के इतना कहते ही , रोहन ने उसे छोड़ दिया और डरते हुए पीछे मुड़ा और बिना कुछ देखे ही बोला - "नही माँ मैं तो..." इतना ही कहा था कि उसने देखा वहाँ कोई नही था और अलीशा मुँह दबा कर हस रही थी तो वो समझ गया कि अलीशा ने उसे बेवकूफ बनाया है।

फिर रोहन गुस्से से अलीशा का हाथ पकड़ कर उसे कार में बैठा दिया और कार सड़क पर दौड़ा दी , अलीशा ने रोहन से बात करने की बहुत कोशिश की पर रोहन ने कुछ नही कहा वो बस कार चलता रहा और कार अलीशा के घर के सामने जा कर रुकी रोहन अलीशा को जाने का इशारा किया। अलीशा ने कुछ कहना चाहा मगर रोहन ने हाथ से इशारा कर उसे चुप रहने को कह दिया। अलीशा समझ गई रोहन अभी उसकी कोई बात नही सुनेगा इसलिए अलीशा कार से बाहर निकल कर रोहन को बाये कहने को हुई पर रोहन ने कार घुमा ली और बिना कुछ बोले वहा से चला गया। इधर अलीशा उदास होकर घर के अंदर चली गई।

कैसे मनाएगी अलीशा रोहन को जानने के लिए आगे की कहानी जरूर पढ़े कहानी पढ़ने के लिए like,comment करना न भूले।

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© sincere girl