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काली मिर्च
अवनि तैयार होकर आइने के सामने ख़ुद को यूं देख रही थी मानों अरुण से पहले वो ख़ुद ही ख़ुद पर फिदा हो जायेगी। इतने में विधि आई और माथे पर एक काली बिंदी लगाते हुए बोली... "अब मस्त लग रही हो, ऊपर से बिंदी काली है तो नज़र लगने से भी बचायेगी।" अवनि ने विधि को "thank you" बोलते हुए एक और बार खुद को आईने में देखा और दरवाज़े की तरफ चलती बनीं कि ठीक तभी विधि ने आवाज़ लगाई... "सुन.. लौटते वक्त 100 ग्राम अदरक लेती आना।" इतना सुनना था कि अवनि दरवाज़े पर ही स्तब्ध खड़ी हो गई... मानों क्या ही सुन लिया हो उसने। विधि ने भी नोटिस किया। हालांकि विधि जानती थी कि अवनि कोई अंधविश्वासी लड़की नहीं है ऐसे में पीछे से आवाज़ देने पर बुरा मानने वाला काम तो वो नहीं कर सकती लेकिन उसे ये भी पता था कि अवनि तो अवनि है... उसके दिमाग़ में कब, क्या चल रहा होता है ये तो वही जानें। इतनी देर में अवनि ने पीछे मुड़ कर विधि का सामना करने का फैसला कर लिया था। अवनि ने विधि से कहा...
"तू मेरी पिछली डेट का पूछ रही थी ना कि क्या हुआ?"

विधि: हां, लेकिन पिछली डेट के बारे में बताने के लिए ये वाली टाइमिंग थोड़ी ऑड नहीं है?

अवनि: है तो, लेकिन अभी बात करना ज़रूरी है।

विधि: ओके, जैसा तुझे ठीक लगे।

अवनि: हां, तो लास्ट टाईम मैं अमन से मिलने के लिए निकल ही रही थी कि ऐन वक्त पे परी ने पीछे से आवाज़ लगाई..... "लौटते वक्त काली मिर्च लेती आना।"

" ओके.........."
विधि ने दोनों भौहों को ऊपर उठाते हुए कहा।

अवनि: अब तू तो मेरी ओसीडी और ओवरथिंकिंग को जानती ही है। मेरे दिमाग़ में सारा दिन बस काली मिर्च ही घूमती रही। फॉर एग्जाम्पल कैफे में वेटर को ऑर्डर देते हुए अमन ने मेरी तरफ देखते हुए पूछा... " कुछ और लेंगी आप?" मेरे मुंह से अनायास ही निकला "हां, थोड़ी सी काली मिर्च चाहिए थी?" अमन ने हैरत से पूछा "अभी?" मुझे ध्यान आया तो मैंने कहा "नहीं, परी के लिए लेते हुए जाना है।" अमन ने राहत की सांस ली और वेटर को जानें के लिए कहा।

मैं टेबल पर शांति से बैठी थी। मुझे चुप देख अमन ने बात शुरु की.... "आप कुछ सोच रही हैं?"
मैंने कहा "जी, मैं सोच रही थी कि पास वाली दुकान तो सात बजे तक बंद हो जाती है, फ़िर काली मिर्च कहां से लूंगी.. हम थोड़ी जल्दी ही निकल लेंगे।
अमन ने भी उसके बाद केवल "हां" में सिर हिलाया और हम हमारा आर्डर आने का इंतजार करने लगे।

खाना खाते हुये अमन ने फ़िर बात करने की कोशिश की "और.... आज का क्या प्लान है?"
अवनि: फिलहाल तो यही है कि मैं गली में उतरने की बजाय चौक पर ही उतर जाऊंगी, वहां ज्यादा दुकानें हैं तो काली मिर्च मिलने के चांसेज भी बढ़ जायेंगे।
अमन ने बिना कोई ज़वाब दिये बस एक उबासी ली और खाना खत्म करने के बाद ही कुछ बोला। शायद अमन का मूड ऑफ हो चुका था तो वही "it was nice meeting you" वाली फॉर्मेलिटी करते हुए कहा "मैं आपको घर तक छोड़ दूं?"

और बहन इसके बाद भी मेरे मुंह से यही निकला
"नहीं आप रहने दीजिए, मैं मार्केट होती हुई जाऊंगी। चौक पे जुम्मा जुम्मा चार तो दुकानें हैं... काली मिर्च नहीं मिली तो प्रॉब्लम हो जायेगी।"

अमन ने अपना सर पकड़ लिया और दांत पीसते हुए मुझे बाय कहा। बाकी का तो तुझे पता ही है उस दिन के बाद से अमन ने कभी मुझे कॉल नहीं की।


"एक बार फ़ोन करके पूछना तो चाहिए था... काली मिर्च मिली की नहीं...." विधि ये सब बोलते हुए हंस- हंस के निढ़ाल हुई जा रही थी।

अवनि: चल अब चुप हो जा। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था... मैं तो बस तुझे हंसाने के लिए बोल रही थी।
हुआ ये था कि मैंने परी को पहले ही कह दिया कि काली मिर्च आज रहने दो, कल लेती आऊंगी।

विधि: thank God

अवनि: गॉड को थैंक्स बोलने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि मैं सारा दिन यही सोचती रही कि परी को बुरा तो नहीं लगा होगा ना... लौटते वक्त उसके लिए एक चॉकलेट ले लूंगी और रूम में पहुंच कर उसको सॉरी बोल दूंगी।

ये सुन कर विधि ने अपना सिर धुन लिया।

#लप्रेक

© Neha Mishra "प्रियम"