मौत को तो आना था...
मौत को आना था.. फिर कैसे वो टाले टल सकती थी.. पर आनंद कब ज्योतिष पर बाबा बैरागियों की भविष्यवाणियों पर विश्वास करता वो तो आज का, नये जमाने का पढ़ा लिखा समझदार नौजवान था..
घर में सब उसके लिये परेशान थे.. मन में एक शंका डाल गया.. ना जाने कहां से आया और सब कुछ बता गया... कोई पंडित ज्योतिषी था शायद..!
कोई इतने विश्वास से कैसे किसी के लिये भविष्यवाणी कर सकता है.. हांलाकि...
घर में सब उसके लिये परेशान थे.. मन में एक शंका डाल गया.. ना जाने कहां से आया और सब कुछ बता गया... कोई पंडित ज्योतिषी था शायद..!
कोई इतने विश्वास से कैसे किसी के लिये भविष्यवाणी कर सकता है.. हांलाकि...