...

38 views

घी लगी रोटी।
सुबह का वक्त था और बच्चे स्कूल जाने की तैयारी कर रहे थे । सरकारी नल से पानी भरकर नहा कर वो खाने के लिए बैठ गए । मां चुल्हे पर गरम गरम रोटी सेक रही थी । पास रखे पाटे पर दोनों बच्चे बैठ गए। मां ने एक ही थाली में सब्जी लगा दी और रोटी रख दी। मां ने उनका खाने का डिब्बा भी रख दिया । खाना खा कर बच्चे स्कूल जाने लगे तो बड़े बच्चे ने पैर छू कर मां का आशीर्वाद लिया । यह देखकर छोटा भाई बोला भाई आपने मां के पैर क्यों छुये , वो तो हमारी गुरु जी नहीं है।
यह सुन कर मां मंद मंद मुस्कराई और आशीर्वाद देकर दोनों को स्कूल भेज दिया।
रास्ते में फिर छोटे भाई ने पूछा कि मां के पैर क्यों छुए । बड़े भाई ने उसे कहा कि गुरु जी ने कहा था कि सबसे बड़ा कोई गुरु है तो वह मां है। इसलिए हमेशा उसकी पूजा करो और उसके आज्ञा का पालन करो। ऐसा करने से जीवन के कठिन रास्ते भी आसानी से पार हो जाते हैं।
दोनों भाई बात करते करते स्कूल पहुंच गए। वहा से वो अपनी अपनी कक्छा में चले गए।
दोपहर होते ही लंच हुआ तो सब अपना डब्बा खोल कर खाने लगे । बड़े लड़के का दोस्त आलू की सब्जी और रोटी लाया था । वहीं खाना वो भी लाया था बस फर्क इतना था कि उसकी रोटी में घी नहीं लगा था। बड़े लड़के ने अपने दोस्त की रोटी खाई तो उसे घी का स्वाद बहुत अच्छा लगा। उसने मन ही मन सोचा कि अब घर जाकर वो भी मां से घी की रोटी रखने बोले गा। यह सोचते सोचते सब ने मिल जुल कर खाना खाया और छुट्टी होने तक पड़ने लगे। कुछ समय बाद छुट्टी हुई और दोनों भाई घर आ गए।

घर आकर दिनों ने खाना खाया और सो गए । शाम को खेलने चले गए और वापस आकर स्कूल का काम किया ।
जब रात में खाना वो बैठे तो बड़े लड़के को घी की याद आ गई तो उसने मां से कहा कि मां रोटी में घी लगा दो ।
इतना सुनकर मां का ह्रदय तीव्र गति से चलने लगा। उसने कहा मेरे लाल अभी खा लो कल स्कूल वाली रोटी में लगा देंगी। अभी घी है नहीं।
यह सुनक बच्चे ने खाना खा लिया कि कल वह भी स्कूल घी वाली रोटी लेकर जाएगा।
घी की रोटी की कल्पना करते हुए वह सो गया।
बच्चो के सोते ही मां ने पड़ोस में रहने वाली चाची से एक चम्मच घी देने को कहा। चाची ने पूछा कि एक चम्मच घी क्यों चाहिए। अगर चाहिए तो किलो भर खरीद लो।
यह सुनकर मां बोली कि आज बड़े लड़के ने घी वाली रोटी खाने की इच्छा जताई थी तो अभी मना कर दिया था क्यों कि घी बहुत महगा है और वो उतना महंगा नहीं खरीद सकती।
इसलिए एक चम्मच दे दो तो सुबह उसकी रोटी में लगा के खाना रख दूंगी । वापस आने पर उसे समझा दूंगी। अभी ऐसे मना करने में उसका दिल टूट जाएगा ।
इत्ता सुनकर चाची ने आधा चम्मच घी दे दिया।
मां भी सुकून से सोई कि घी मिल गया और बच्चे भी सोए की सुबह घी की रोटी मिलेगी।
सुबह हुई ।
बच्चे नहा के खाने के लिए आए । मां ने आज रोटी नहीं दी । उसने तेल लगे पराठे खाने को दिए। बच्चे ने पराठे और चाय का नाश्ता किया और जब खाना रखने का समय आया तो मां ने कहा कि घी लगी रोटी टिफिन में रख दी है , खा लेना ।
यह सुनकर बच्चा बहुत खूब हुआ। रोज की तरह फिर उसने स्कूल जाते समय मां के पैर छुए और अपने छोटे भाई का हांथ पकड़ कर साथ में जाने लगा। कुछ दूर जाने पर छोटे लड़के ने कहा कि भैया आप रुको मै अभी आता हूं। वह मां के पास गया और बोला मां पैर आगे करो , मुझे भी आशीर्वाद चाहिए। इत्ता सुनकर मां का ह्रदय और आंख आंसू से भर गए। उसने बच्चे को सीने से लगा लिया और आशीर्वाद देकर स्कूल को विदा किया।

© @the_my_word_
#WritcoPrompt
#WritcoStoryChallange