बचपन (भारतांकित भाग-३)
अपनी भारतांकित नामक यात्रा को जारी रखते हुए कुछ पंक्तियां आगे जोड़ता हूं। इस बार बात बचपन की हो। शरारतों और सीख से भरा बचपन ही उम्र का वह दौर है जब सुकून सबसे ज्यादा है, बस इस बात का ज्ञान हमें शयाने हो कर पता चलता है। तो आओ उस बचपन को याद कर थोड़ा गुदगुदा लेते हैं मन को।
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