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Ek aurat ke sar ka taaj?
Ek aurat ke

sar ka taaj ?

एक औरत के सर का ताज कोई और नहीं सिर्फ और सिर्फ उसका पति होता है लेकिन तब तक ही जब तक वह जीवित रहता है।

 जिसको वह अपने जीवन में सबसे ऊंचा स्थान देती है और यह वह अपने माथे पर अपनी मांग में सिंदूर भर कर व्यक्त करती है कि उसके जीवन में उसके पति का क्या स्थान है और यह हर सुहागन औरत करती है। सिंदूर हर औरत के सुहागन होने की एक निशानी होती है। जिससे पता चलता है कि वह शादीशुदा है।

 हमारे यहां सुहागन स्त्रियां सिंदूर को भगवान से भी ऊंचा स्थान देती है। वह भले ही रोज भगवान की पूजा करें या ना करें लेकिन वह शादी होने के बाद हर दिन अपनी मांग में अपने पति के नाम का सिंदूर भरती हैं।

 एक कथा के अनुसार जब सीता माता ने अपनी मांग में सिंदूर भरा था तब वहां हनुमान जी भी उपस्थित थे और जब हनुमान जी ने सिंदूर लगाते हुए देखा तो उन्होंने इसका कारण पूछा... तब माता सीता ने बताया की ये सिंदूर मेरे पति राम जी के लिए है। यह उनकी प्रसन्नता के लिए हैं और मांग में सिंदूर भरने से पति की उम्र बढ़ती है। इससे पति के साथ रिश्ता और भी मजबूत और गहरा हो जाता है। तभी से सिंदूर को शुभ माना जाने लगा और तभी से सिंदूर सुहागन होना दर्शाता है।

शादी के बाद एक औरत की सारी खुशियां उसके पति से ही होती है। वही उसके जीवन के सुख दुख का साथी होता है। एक लड़की के लिए उसका पति हर खुशियों की चाबी होता है। उसकी सारी खुशियां उसके पति से जुड़ी हुई होती है। जब तक उसका पति जीवित रहता है लड़की के जीवन की सारी खुशियों का ताज बनकर उसके सर पर चमकता है।

 शादी के बाद एक औरत को उसके पति के नाम से ही जाना जाता है। पति से ही एक औरत का जीवन रंगों से भर जाता है। सारे रूप रंग उसके पति से ही होते हैं। पति के होने से ही उसके जीवन में सिंगार होता है। वह सिंगर करती है, सजती - सावर्ती है। पति ही उसके चेहरे की चमक होता है जो उसके जीवन में चार चांद लगा देता है।

  एक पति ही होता है जो एक औरत को उसकी अंतरात्मा की गहराई से समझता है और हर कठिनाई से कठिनाई भरे रास्तों में उसका साथ देता है। एक पति ही औरत की ऐसी हिम्मत होता है। जिसकी बराबरी कोई कर नहीं सकता।

 जब तक एक औरत का पति उसके पास होता है, उसके साथ होता है तो हर औरत अपना जीवन खुशनुमा महसूस करती है। उसकी सारी खुशियां उसके पास होती हैं लेकिन जब किसी औरत  के सर से उसके पति का हाथ हट जाता है या उसके पति का साया उससे दूर हो जाता है तो उस औरत का जीवन बद से बदतर हो जाता है। सर से लेकर पैर तक के सारे रंग जैसे खत्म हो जाते हैं। उसकी जिंदगी जैसे एक जिंदा लाश की तरह बन कर रह जाती है।

 एक औरत को ऐसे दिन ना देखने पड़े इसके लिए हर सुहागन औरत अपने पति की लंबी उम्र के लिए कई सारे व्रत पूजा पाठ आदि करती है। जिससे वह उम्र भर सुहागन रहे और उसका जीवन खुशियों से भरा भरा रहे।

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 दोस्तों कई सारी ऐसी महिलाएं भी होती हैं। जिनके जीते जी  उनके पति की मृत्यु हो जाती है। जो विधवा होती हैं। कईयों की उम्र तो काफी कम होती है और एक विधवा औरत की जिंदगी बहुत कठिनाइयों से भर जाती है। उसके खुद के जीवन यापन के लिए कई सारी दिक्कतें पैदा हो जाती हैं और फिर उसके बच्चों की जिम्मेदारी भी उसके ऊपर आ जाती है। 

ऐसे में उनका खर्चा उठाने वाला कोई नहीं होता। वह सबके लिए एक बोझ के समान बन कर रह जाती हैं। इसके लिए जरूरी है कि हर औरत को शिक्षा प्राप्त कराई जाए और उसे उसके पैरों पर खड़ा कराया जाए। हर महिला अपने जीवन में सब कुछ कर सकती है चाहे उसकी उम्र कोई भी हो... 

आप उसे पढ़ाए - लिखाए जरूर और उसे आगे बढ़ने का मौका जरूर दें ताकि वह किसी के लिए बोझ ना रहे। खुद का और अपने बच्चों का जीवन सुख शांति से बिता सकें।


Please...👭
Support girls...

                    ✍️ अनुभा पुरोहित चतुर्वेदी 





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