...

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प्यारे दोस्तों
प्यारे दोस्तों,
प्यारे तो तुम कहीं से भी हो नहीं, पर फिर भी बोल दे रहा हूँ। याद आई तो सोचा कुछ कह दूँ। आज भी पुराना समय याद करके छोटी सी मुस्कान आ जाती है मेरे चेहरे पर। समय बदल चुका है और अब चीज़े वैसी नहीं रहीं जैसी हुआ करती थी कभी। मिलने पर चार बातें हो जाती हैं, पर मैं जानता हूँ, तुम काफी कुछ मन में ही रखे रहते हो, ये सोचकर कि शायद मैं समझूँगा नहीं। पर ये जान लो कि मैं तुम्हें जानता और समझता हूँ। सच ये है कि सबकी हालत लगभग एक सी ही है। मैं भी इसी उधेड़बुन में हूँ कि आखिर ये ज़िंदगी किस तरफ जा रही है। क्या मैंने सोचा था और क्या हो रहा है। इसी कशमकश में मैं तुम्हें भी याद करता हूँ । शायद हमारे मन में एक सी बातें चल रही हैं। क्या होगा आगे ये तो मैं नहीं जानता और क्या करना चाहिए ये मैं भी सोच ही रहा हूँ, पर इतना ज़रूर कहूंगा कि तुम जहाँ भी हो, मैं तुम्हारे साथ हूँ। इंतज़ार मुझे भी है तुम्हारी जीत का। समय सब सिखा देता है। तुम भी ये जान ही जाओगे कि तुम किस चीज़ के लिए बने हो। बस थोड़ा सा सबर चाहिए और थोड़ी हिम्मत।
अधूरी नींद का असर है, मन का सब बाहर आ गया।
चलो फिर बात होगी अगली मुलाकात में या फिर तुम्हारी मेरी जीत में।
~तुम्हारा कम प्यारा दोस्त
© @Supermanreturns