*आत्म सम्मान*
*"बेटा!. गाड़ी साफ कर दूं?"*
*रंजीत ने जैसे ही फ्यूल भरवाने के लिए अपनी कार पेट्रोल पंप पर रोका एक बुजुर्ग भागकर उसकी गाड़ी के करीब आया।*
*"नहीं अंकल!. अभी थोड़ी जल्दी में हूँ।" यह कहते हुए रंजीत ने उस बुजुर्ग को टालना चाहा लेकिन वह बुजुर्ग उससे विनती करने लगा..*
*"बेटा दस मिनट भी नहीं लगेंगे!. थोड़ा ठहर जाओ मैंने आज सुबह से अभी तक कुछ नहीं खाया है,. दस-बीस रुपए दे देना बस!"*
*बुजुर्ग की हालत देख रंजीत को उस पर दया आ गई "अंकल!. मैं आपको रुपए दे देता हूंँ आप कुछ खा लीजिएगा!"*
*यह कहते हुए रंजीत ने अपनी जेब से बटुआ निकाल लिया लेकिन बुजुर्ग ने यह कहते हुए रुपए लेने से इंकार कर दिया कि..*
*"बेटा!. मैं भीख नहीं ले सकता।"*
*"अंकल!. यह भीख नहीं है,. मैं आपकी इज्जत करता हूंँ!. आप मेरे पिता समान है,. लेकिन आपने सुबह से कुछ नहीं खाया है इसलिए मैं आपको यह कुछ रुपए देना चाहता हूंँ।"*
*"नहीं बेटा!. आप जाइए,. मैं इंतजार करूंगा!. आप नहीं तो कोई और सही!. किसी ना किसी को तो मेरी मेहनत की जरूरत होगी।"*
*यह कहते हुए वह बुजुर्ग वापस मुड़ गया।*
*उस बुजुर्ग का आत्मसम्मान और...