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" ऊर्जा "
" ऊर्जा "

जब आपने खुद को खोया महसूस करते हैं..!
जब अपनी दिव्यता के प्रति जागृत नहीं हुए,
जब आप अपने उच्च स्वत: को अनदेखा करते हैं..!
जब आप अपनी सादगी का दावा करते हैं..!

जब आप अपने सपनों पर अपनी आँखें बंद करते हैं..!
जब आप दिखावे के लिए अपनी आत्मा का बलिदान कर देते हैं..!
जब आप दूसरों को अपनी पुण्य शक्तियों अथवा ऊर्जा को जाने अनजाने ही देते हैं..!
वह चाहे भावनात्मक रूप से हो अथवा संगति से हो..!

तो यह जान लो कि आपके अंदर बसी हुई ऊर्जा वह चाहे सकारात्मक अथवा नकारात्मक हो वह सामने वाले व्यक्ति विशेष में समाहित हो जाता है..!
ठीक उसी तरह सामने वाले व्यक्ति विशेष की ऊर्जा भी आपके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं..!
यही वजह है कि हमारे भारत...