सपनें.....
सपनों की भी कोई गिनती नहीं होती।जब मर्जी होती है चले आते हैं।कभी बंद आंखों में तो कभी खुली आँखों में ।
अनगिनित सपनें देखे होंगे हमनें अपनी जिंदगी में लेकिन सपने कभी पूरे नहीं होते । टूटे आईने की तरह किरचें-किरचें बिखर जाते हैं।तब बहुत...
अनगिनित सपनें देखे होंगे हमनें अपनी जिंदगी में लेकिन सपने कभी पूरे नहीं होते । टूटे आईने की तरह किरचें-किरचें बिखर जाते हैं।तब बहुत...