jajbaat
चलो सुनते हे आज किसी की का, ना ही राजा हे और ना ही रानी।
कहते है शादी दो इंसानों के बीच होती है , और प्यार कभी पहले तो कभी बाद में होती है।और कहीं रिस्टो में तो प्यार होता ही नहीं है।
और किसी रिस्तो में तो प्यार होते हुई भी जताते नहीं है लेकिन ये को दिल की बात होती है ना वो किसी से चुप ती नहीं है। कहीं ना कहीं किसी के जरिए से ही सही आखिर कर वो दिल की जाजबात उस दूसरे इंसान तक पहुंच ही जाती है।
वैसे ही थी इनकी कहानी हे चोटी सी लेकिन फिर भी प्यारी थी।
सीता जो की अनाथ थी घर के कामों के अलावा उस कुछ नहीं आता था। अपनी मौसी के साथ पली बरी उस कभी मा की प्यार नसीब ही नहीं हुआ। इसी में उसकी मौसी ने उसकी शादी एक अमीर इंसान जिसके पहली से ही एक बीवी थी उससे करवा दिया । सीता की मौसी के हिसाब से उनके सर से बला जाती और सीता को वाहा भेज दिया। सीता नादान थी कुछ नहीं पता था जो उससे जैसे बोले वो वैसा कर जाती थी। शादी के पहली रात------
सीता अपने कमरे में शांति से बैठी हुई...
राज(सीता की पाती)- (दारू पीकर बोलने लगे/) ये और एक बला आ गई मेरे घर पहले एक बीवी काम थी क्या और दूसरी भी। लेकर चले आए दयड ने, सो जाए चुप कप मुझसे कुछ उम्मीद ना रखना।
सीता घबरा कर सो गई
दूसरी सुबह --
सीता ने नाश्ता बनाया । राज आया और चुप चाप बैठकर खाकर चला गया। और थोड़ी देर बाद उसकी पहली बीवी रीमा ayi और वो भी खाकर चली गई। फिर भी सीता चुप चाप कुछ ना कहा। रात को राज आया कमरे मै सीधा चला गया सीता अपनी कुर्ती की हूक ठीक कर रही थी राज के आटे ही उसने खिड़की ढक लिया और माफ करना कहकर वो अंदर चली गई । तब राज ने रोख लिया और कहा कि दो में ठीक कर देता हूं। सीता ने से दिया उस वक़्त पहली बार राज ने सीता को देखा था सीता की खूबसूरती उस भा गई।।सीता बचपन से घर में रही हुई लड़की है उसके चचेरे पर। नहीं ही कोई दाग और नहीं कोई निसान उसकी खूबसूरती देखकर और उसकी भोलेपान देखकर राज को जैसे उससे प्यार होने लगा। सीता ने जाकर उसके लिए कहना निकाला और दोनों ने एक साथ बैठके कहना खाया। सीता की खामोशी और देखकर राज ने कहने लगे...
राज -- तुम कुछ नहीं पूछना चाहोगे मुझसे ऐसे क्यों तुम्हे लाया मेरी पहली बीवी होने के बाद भी..
सीता-- जी वो आपकी अपनी जिंदगी हे अगर आप बताने चाहे तो ठीक वरना में कच्छ नहीं पूछूंगी
राज -- तुम कितनी प्यारी हो तुम्हारी आवाज़ भी उतनी प्यारी खैर के तुम्हे जरूर बताऊंगी की मेरी कहानी क्या हे मेरे डैड एक निहायती बुरे इंसान हे जो कि पहली शादी करवादी और फिर मेरी बीवी से प्यार कर बैठे और मेरे बीवी के साथ अफेयर चलने लगे और इसी वजह से में अपने काम पर केज्यादा ध्यान नहीं देता इसलिए मेरी दूसरी शादी करवादी तुमसे ताकि मै अपनी काम पे ध्यान दू और कंपनी का नाम आगे बारहवी । बाकी तुम्हारी बाताऊ एक बीवी होने के बाद भी क्यों शादी की मुझसे
सीता -- मेरी मौसी चाहती थी मेरी शादी हो जाए जल्दी से उनको अपाचे अच्छे लगे इसलिए शादी करवा दी।
राज - बस इतनी सी बात
सीता - हा
राज -- चलो ठीक है ।
ये कहकर दोनों सोने चले गए। तीसरी दिन। उस दिन राज के ऑफिस में पार्टी थी जहां सभी कपल आ रहे थे वह राज ने सीता को भी साथ लेकर गया। वाह सीता अनजान थी किसी को भी नहीं पहचानती थी और तभी पार्टी में कुछ बत्तमिज लोग उसे कुछ अनाप सनाप कहने लगे तभी राज ने आकर उन्हें bohut मरा और तभी सीता लेकर वाह से चला गया। राज को सीता के लिए इ देख सीता को उससे धीरे धीरे प्यार होने लगा।
सोवार्थे दिन -
-- दोनों ही एक दूसरे से प्यार करने लगे पर कहने से दर्टेठे थे। सीता को ज्यादा दार था क्यूंकि उसेखुद खुद भी नहीं पता था कि राज उसके बारे में क्या सोचता है। लेकिन जितना भी चुप लो दिल की जज़्बात तो ढकी नहीं जातिना ना बिल्कुल ऐसे ही अं दोनों की दिल की बाते खुद ही एक दूसरे से अपने दिल की जज़्बात कहने लगे। लेकिन फिर भी राज चाहता था कि वो सीता को खुद बताए अपने दिल की बात लेकिन उसे रीमा सेटलक तलाक का इंतज़ार था बस।।
पस्वे दिन ---
सुबह दोनों नस्ट कर रहे थे तभी रीमा घर आती और राज को तलाक के कागज देकर चली गईं और ये भी कहकर गई कि उसके डैडी ने वो कमाओंट उसके नाम कर डी है कागज लेकर आना..राज और सीता खुश हो जाती है और दोनों ही मां ने कहती है किया अब पूरी परेशानियां तक गई ।
साथ दिन --
आज राज सीता को अपने दिल की बात कहने वाला है पूरी तैयारी के साथ उसने सीता को बाहर बुलाया और घुटनों में बैठकर राज ने उसको अपनी दिल की बाते के डाला ।सीता भी bohut खुश हुई और उसने हा भी अपनी दिल की बाते के डाला । तबसे अं दोनों की जिंदगी bohut अच्छी होने लगी।
सातवे दिन --
दोनों खुच थे एक साथ घूमने के लिए जा रहे थे राज ने बस ऐसे ही गाना गाते गाते अपनी गाड़ी की स्पीड ज्यादा कर ली और अचानक एक बड़ी गाड़ी आकर ठोकर मर डी और वो लोग वाह पे अपने एक दूसरे के हाथ पकड़ते हुई अपनी आखिरी सांस के रहे थे। और उसी अख्री पल में आखिरी वक्त में उन्होंने अपने दिल की जज़्बात एक दूसरे से कहकर चुप चाप इस दुनिया से चल बसे।
© from heart
कहते है शादी दो इंसानों के बीच होती है , और प्यार कभी पहले तो कभी बाद में होती है।और कहीं रिस्टो में तो प्यार होता ही नहीं है।
और किसी रिस्तो में तो प्यार होते हुई भी जताते नहीं है लेकिन ये को दिल की बात होती है ना वो किसी से चुप ती नहीं है। कहीं ना कहीं किसी के जरिए से ही सही आखिर कर वो दिल की जाजबात उस दूसरे इंसान तक पहुंच ही जाती है।
वैसे ही थी इनकी कहानी हे चोटी सी लेकिन फिर भी प्यारी थी।
सीता जो की अनाथ थी घर के कामों के अलावा उस कुछ नहीं आता था। अपनी मौसी के साथ पली बरी उस कभी मा की प्यार नसीब ही नहीं हुआ। इसी में उसकी मौसी ने उसकी शादी एक अमीर इंसान जिसके पहली से ही एक बीवी थी उससे करवा दिया । सीता की मौसी के हिसाब से उनके सर से बला जाती और सीता को वाहा भेज दिया। सीता नादान थी कुछ नहीं पता था जो उससे जैसे बोले वो वैसा कर जाती थी। शादी के पहली रात------
सीता अपने कमरे में शांति से बैठी हुई...
राज(सीता की पाती)- (दारू पीकर बोलने लगे/) ये और एक बला आ गई मेरे घर पहले एक बीवी काम थी क्या और दूसरी भी। लेकर चले आए दयड ने, सो जाए चुप कप मुझसे कुछ उम्मीद ना रखना।
सीता घबरा कर सो गई
दूसरी सुबह --
सीता ने नाश्ता बनाया । राज आया और चुप चाप बैठकर खाकर चला गया। और थोड़ी देर बाद उसकी पहली बीवी रीमा ayi और वो भी खाकर चली गई। फिर भी सीता चुप चाप कुछ ना कहा। रात को राज आया कमरे मै सीधा चला गया सीता अपनी कुर्ती की हूक ठीक कर रही थी राज के आटे ही उसने खिड़की ढक लिया और माफ करना कहकर वो अंदर चली गई । तब राज ने रोख लिया और कहा कि दो में ठीक कर देता हूं। सीता ने से दिया उस वक़्त पहली बार राज ने सीता को देखा था सीता की खूबसूरती उस भा गई।।सीता बचपन से घर में रही हुई लड़की है उसके चचेरे पर। नहीं ही कोई दाग और नहीं कोई निसान उसकी खूबसूरती देखकर और उसकी भोलेपान देखकर राज को जैसे उससे प्यार होने लगा। सीता ने जाकर उसके लिए कहना निकाला और दोनों ने एक साथ बैठके कहना खाया। सीता की खामोशी और देखकर राज ने कहने लगे...
राज -- तुम कुछ नहीं पूछना चाहोगे मुझसे ऐसे क्यों तुम्हे लाया मेरी पहली बीवी होने के बाद भी..
सीता-- जी वो आपकी अपनी जिंदगी हे अगर आप बताने चाहे तो ठीक वरना में कच्छ नहीं पूछूंगी
राज -- तुम कितनी प्यारी हो तुम्हारी आवाज़ भी उतनी प्यारी खैर के तुम्हे जरूर बताऊंगी की मेरी कहानी क्या हे मेरे डैड एक निहायती बुरे इंसान हे जो कि पहली शादी करवादी और फिर मेरी बीवी से प्यार कर बैठे और मेरे बीवी के साथ अफेयर चलने लगे और इसी वजह से में अपने काम पर केज्यादा ध्यान नहीं देता इसलिए मेरी दूसरी शादी करवादी तुमसे ताकि मै अपनी काम पे ध्यान दू और कंपनी का नाम आगे बारहवी । बाकी तुम्हारी बाताऊ एक बीवी होने के बाद भी क्यों शादी की मुझसे
सीता -- मेरी मौसी चाहती थी मेरी शादी हो जाए जल्दी से उनको अपाचे अच्छे लगे इसलिए शादी करवा दी।
राज - बस इतनी सी बात
सीता - हा
राज -- चलो ठीक है ।
ये कहकर दोनों सोने चले गए। तीसरी दिन। उस दिन राज के ऑफिस में पार्टी थी जहां सभी कपल आ रहे थे वह राज ने सीता को भी साथ लेकर गया। वाह सीता अनजान थी किसी को भी नहीं पहचानती थी और तभी पार्टी में कुछ बत्तमिज लोग उसे कुछ अनाप सनाप कहने लगे तभी राज ने आकर उन्हें bohut मरा और तभी सीता लेकर वाह से चला गया। राज को सीता के लिए इ देख सीता को उससे धीरे धीरे प्यार होने लगा।
सोवार्थे दिन -
-- दोनों ही एक दूसरे से प्यार करने लगे पर कहने से दर्टेठे थे। सीता को ज्यादा दार था क्यूंकि उसेखुद खुद भी नहीं पता था कि राज उसके बारे में क्या सोचता है। लेकिन जितना भी चुप लो दिल की जज़्बात तो ढकी नहीं जातिना ना बिल्कुल ऐसे ही अं दोनों की दिल की बाते खुद ही एक दूसरे से अपने दिल की जज़्बात कहने लगे। लेकिन फिर भी राज चाहता था कि वो सीता को खुद बताए अपने दिल की बात लेकिन उसे रीमा सेटलक तलाक का इंतज़ार था बस।।
पस्वे दिन ---
सुबह दोनों नस्ट कर रहे थे तभी रीमा घर आती और राज को तलाक के कागज देकर चली गईं और ये भी कहकर गई कि उसके डैडी ने वो कमाओंट उसके नाम कर डी है कागज लेकर आना..राज और सीता खुश हो जाती है और दोनों ही मां ने कहती है किया अब पूरी परेशानियां तक गई ।
साथ दिन --
आज राज सीता को अपने दिल की बात कहने वाला है पूरी तैयारी के साथ उसने सीता को बाहर बुलाया और घुटनों में बैठकर राज ने उसको अपनी दिल की बाते के डाला ।सीता भी bohut खुश हुई और उसने हा भी अपनी दिल की बाते के डाला । तबसे अं दोनों की जिंदगी bohut अच्छी होने लगी।
सातवे दिन --
दोनों खुच थे एक साथ घूमने के लिए जा रहे थे राज ने बस ऐसे ही गाना गाते गाते अपनी गाड़ी की स्पीड ज्यादा कर ली और अचानक एक बड़ी गाड़ी आकर ठोकर मर डी और वो लोग वाह पे अपने एक दूसरे के हाथ पकड़ते हुई अपनी आखिरी सांस के रहे थे। और उसी अख्री पल में आखिरी वक्त में उन्होंने अपने दिल की जज़्बात एक दूसरे से कहकर चुप चाप इस दुनिया से चल बसे।
© from heart