...

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एक रिश्ता सब से परे सब से अलग
क्या था वो एहसास, कुछ पल साथ बिताए जो थे, बहत सुकून देता है उसकी याद आज भी, वो हैं और हम भी, दूरियां भी नहीं पर बहत दूर. चाह कर भी मिल नहीं पाते, बात तो बहत बड़ी बात है. क्या हुआ क्यों हुआ, आज भी सोचते हैं.
हम कभी साथ हुआ करते थे,
वो बादा साथ निभाने का उम्र भर दोनो तरफ से था, हम अकेले नहीं थे उस रिश्ते में. गम भी बांटे थे और खुशियां भी, आंसू उनका निकल ता था, दर्द हमें महसूस होता था. खुशियां भी खूब मिलती थी, जब साथ हुआ करते थे, फिर ना जाने क्या हुआ, किस की नजर लग गई.
वो दूर हो गए, जो बहत करीब थे दिल के, यूं कहे तो दिल में बसते थे, प्यार मोहब्ब्त इश्क तो नहीं था उनसे, पर जो था वो इन सब से ऊपर, कुछ अलग, कुछ खाश.
पर अब हम अकेले, जिंदगी की राह में,
अब भी उनकी इंतजार में,
काश कभी वो लोट आएं,
बस उशिकी आस लगाए हुए.
© Dr. JPR