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तेरी-मेरी यारियाँ ! ( भाग-7 )


निवान पूरी रसोई मे कुछ खाने के लिए ढूंढता है पर उसको कुछ नही मिलता तभी उसे याद आता है और वह मन ही मन बोलता है ।

निवान :- अरे हाँ! क्या पता मेरे टिफिन मे कुछ रखा हो खाने के लिए और स्कूल मे तो मैंने खाना भी कम खाया था ।

वह जल्दी से अपना स्कूल बैग उठाता है और टिफिन को बैग से बाहर निकाल कर देखता है तो उसमे आधी रोटी और सब्जी देखकर वह खुश हो जाता है और सोचता है ।

निवान :- सोचते हुए,,,,,,,,, अच्छा ही है । आज मैं टिफिन को बैग से निकालना भूल गया अब ये ही खा लेता हूँ ।

निवान खुशी-खुशी बासी खाने को खा लेता है क्योंकि गरीब परिवार मे जन्म लेकर वह खाने की अहमियत समझता था । इसलिए उसको जैसा भी खाना मिलता था वह खा लेता था ।

वह खाना खाकर वापस से रसोई मे...