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निमंत्रण
*निमंत्रण*

"निमंत्रण" अक्सर हम सभी को, अपने रिश्तेदार या प्रिय बंधु जनों के यहां से किसी विशेष कार्य हेतु निमंत्रण मिलता है, और हंसी-खुशी हम सभी शामिल भी होते हैं मगर, वर्तमान में कुछ सालों से विशेष थीम (ड्रेस कोड परिधान) चली है ।जिससे उपजी परेशानियां व्यक्त करती ये कहानी है ।आशा है, आप सभी को पसंद आए।

*निमंत्रण*
दरवाजे की घंटी बजते ही, सोनू और मोनू ने उछलते कूदते हुए दरवाजा खोला और दौड़ के पापा से लिपट गए। दोनों बच्चों को खुश देखकर हर्ष ने बड़े उत्साह से अपनी पत्नी मीरा से पूछा _"क्या बात है आज तो सोनू और मोनू बड़े खुश नजर आ रहे हैं आखिर, कौन से लड्डू खिलाए हैं तुमने दोनों को"..! और मुस्कुरा दिया मीरा कुछ कहती उससे पहले ही मोनू बोली _"पापा पता है बुआ के यहां फूफा जी की रिटायरमेंट पार्टी मना रहे हैं तो, हम सभी को जाना है। दादा दादी को भी ले जाना है ।आज मम्मी के पास बुआ का फोन आया था इसलिए ,हम इतने खुश हैं और सुनो पापा वहां पर तो ड्रेस कोड भी रखा है। चहकते हुए सोनू बोली ।अब तो आपको हमारे लिए नए-नए कपड़े भी लाने होंगे".! हुर्रे हुर्रे और दोनों भाई-बहन दादा दादी के पास अपनी बात करने दौड़ पड़े।

उनके जाते ही हर्ष ने मीरा को देखा उसके चेहरे पर परेशानियों के भाव साफ नजर आ रहे थे ।

हर्ष ने मीरा को...