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मास्टर एंथोनी
जहां गुरु अपने शिष्यो को शिष्टाचार दे उसे प्रेरित करें वहीं गुरु होता हैं, तथा जो गुरु अच्छी शिक्षा दें वह संस्कार होता है और सम्मान होता है यहां गुरु वह शब्द है जो अपने होने वाले शिक्षकों को समझाएं पर पहुंचा देता है जहां तक के गुरु की कल्पना नहीं कर पाता किंतु यहां एक ऐसा ग्रुप है मेरे जीवन में आया है जो न केवल बुरा बनता हुआ दादा अभी तो बच्चों को डराता और दुर्व्यवहार करता था हां मैं उस समय रेलवे स्कूल मैं कक्षा नवी में पढ़ता था इस दौरान हमारे एक अंग्रेजी का टीचर आया था नाम था उसका मास्टर एंथोनी जो कि हमें अंग्रेजी पढ़ाने आया करता था वह एक शराबी व्यक्तित्व वाला था उसके एक एक बार भी खास घटना है जोकि आज भी मुझे याद है मेरे प्रिय मित्र जितेंद्र उर्फ जीतू को मास्टर एंटोनी में कक्षा में बुरी तरह डांट फटकार लगाई यह गा यह घटना जीतू के एक नए और महंगे शानदार जींस के कारण हुई थी इसमें चैन लटकी हुई लगी थी की जैसे ही मास्टर एंथोनी उस दिन कक्षा में आया तो सबसे पहले मेरे बगल में बैठे जीतू कोई खड़ा कर दिया और उसकी जो चैन थी उसे अत्यंत क्रोध के साथ तोड़ डाला और जीतू मास्टर ने चेतावनी दी कि वह यह सब कभी पहनकर नहीं आए अतः उस दिन के बाद कक्षा में सभी विद्यार्थियों के डर बैठ गया सभी सोचने लगे कि जिस दिन मास्टर एंथोनी यहां से चला जाएगा उस दिन के बाद हम लोग शांति से कक्षा में पढ़ेंगे अतः वह जब भी आता तो एकदम भयावह सी स्थिति बन गई कभी-कभी में जब हम से पूछता कि मैं कौन सा पाठ पढ़ा रहा था तो हम कोई जवाब नहीं दे पाते तो बहुत भयंकर डर लगता था मैं जब भी आता था सबसे पहले हम से यही पूछता था कि आज कौन सा पाठ पढ़ाएंगे वास्तव में बहुत ही भयानक सा लगता था देखते ही यहां वह जब से स्कूल में आया था तभी से सभी उसका नाम सुनकर डरने लग गए मैं अक्सर जब भी कक्षा में आता था तो उसका मुंह हमेशा गुटखा केपीक से भरा होता था और वह कहीं भी बिना देखे थूक देता था उसने कई स्कूल की दीवारों को तो गंदा भी कर दिया था यहां तक की तो टॉयलेट बाथरूम को भी वह कहीं लोग भी देता तो कोई हिम्मत नहीं कर पाता कि उसे कोई कहे कि यहां मत ठोको ऐसा ही लगातार बना रहा और अपनी तानाशाही दिखाता रहा यहां तक कि वह कई बार तो लड़कियों से भी दुर्व्यवहार करने लगा था किंतु अब उसका संभवत समय आ चुका था वह दस पंद्रह दिन तक तो स्कूल में ही नहीं आया था अतः हमें मालूम चला कि उसे कोई बीमारी हुई है इन सबके बाद वह कुछ दिनों बाद ईश्वर को ही प्राप्त हो गया तभी से हम सबने एक चैन की लंबी गहरी सांस ली!