...

1 views

पटरी वाला पागल
कहानी

पटरी वाला पागल

चमचमाती कार से एक युवती उतरती है। दवा की दुकान से दवा खरीदती है।
तभी कुछ हंगामा सा होता है। आवाज सुनकर उस तरफ देखने लगी।

दवा विक्रेता से कारण पूछा कि हंगामा क्यों हो रहा है।

दुकानदार बोलता है, पागल है।
थोड़े से रुमाल लाता है, उनको बेचता है।
दुकान से पास कई बार भगाया जाता ही नहीं है।

दुकानदार उस पागल को फिर फटकारता है।
यह पागल बुड्ढा 20 साल से यहीं बैठा रहता है।

लड़की उसे देखती है_पागल तो नहीं लगता यह?

लंबे कद का, इकहारा बदन, दुबला पतला, उलझे से लंबे बाल।

मुरझाया सुखा चेहरा।
चेहरे में कोई आकर्षण नहीं।

लड़की उस बूढ़े को देखती है। अपने पापा को याद करते हुए सोचने लगती है। मेरे पापा के उम्र के होंगे।

लड़की जोर से सिर हिलाती है। मेरे पापा तो बहुत सुंदर थे। अपने पापा को याद करके रुआंसी सी हो जाती है।

इस इलाके में नई नई आई है रहने के लिए। 26 वर्षीय यह युवती अपने पति की दवा लेने आई थी। कल रात से पति को बुखार था।

पता नहीं कुछ उलझन सी में उलझी हुई कुछ सोचती हुई कार स्टार्ट कर के चली गई।

वह लड़की 2 दिन बाद फिर उसी दुकान पर दवा लेने आती है।

उस बूढ़े पर फिर उसकी नजर पड़ती है। एक लड़का उस बूढ़े का एक रूमाल लेकर भाग गया, फिर बुड्ढा बड़बड़ाने लगता है।

इस बार वह लड़की बूढ़े के पास आकर पूछती है। आप कितना...