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ज्ञान की नाजुक बातें
*ज्ञान की नाजुक बातें*

नाजुकता को कई संदर्भों में देखा समझा जा सकता है। सबसे पहले इसे हम वस्तु के संदर्भ में समझें। जैसे कोई ऐसी वस्तु होती है जिसके टूटने फूटने की ज्यादा संभावना रहती है। नाजुक वस्तुओं के उपयोग की समयावधि भी कम ही होती है। उपयोग करते करते यह खटका सा बना रहता है कि पता नहीं कब अनायास ही हाथ से छूट जाए और टूट फूट जाए। नाजुकता शब्द का ही पर्यायवाची शब्द है कोमलता। नाजुकता का अर्थ है कि किसी वस्तु की ऐसी अवस्था जिसके कभी भी किसी भी समय नष्ट होने की या बिगड़ने की या उसके आकार प्रकार के बदलने की पूरी संभावना रहती हो। अर्थात् जिस वस्तु की अंतरनिर्मित अवस्था के लम्बे समय तक वैसी की वैसी स्थायी बने रहने के बारे में कुछ निश्चित नहीं कहा जा सकता हो। जिनके टिकने के बारे में हम कोई निश्चित समय सीमा के बारे में डंके की चोट पर कुछ नहीं सकते हों। जिसके बारे में उसके निश्चित समय तक बने रहने के लिए हमारे पास कोई प्रमाणिकता का प्रमाण पत्र ना हो। ऐसी वस्तुओं को नाजुक वस्तु कहा जाता है।

ठीक उसी प्रकार ही हम मानवीय संबंधों के बारे में कहते हैं कि...