ek sawaal
एक भिखारी एक गांव में रहता था। वह प्रतिदिन भीख मांग कर, गुजारा करता था।उसका एक नियम था,वह चार कटोरी भीख मांगता था और चार कटोरी होते ही घर को लौट जाता था।जब वह भीख मांगने गया, एक व्यक्ति ने उससे पूछा- कि वह उस अनाज का क्या करता है?
उसने कहा- मैं एक कटोरा देवी को चढ़ाता हूं,
एक कटोरा देवता को भोग लगाता हूं,
एक कटोरा उधार देता हूं,
एक नदी में बहता हूं ।
उसकी बात सुनकर एक व्यक्ति ने पूछ लिया, क्या तुम हवा खाकर जिंदा हो। यह सुनते ही भिखारी उदास हो गया और उसी दिन शहर छोड़कर चला गया।
तो उस व्यक्ति ने गांव के पास एक साधु से इस बारे में विचार किया साधु ने बताया कि......!
उसके कहने का अभिप्राय था_
कि वह एक कटोरा देवी को चढ़ाना मतलब अपने पत्नी को देना,
यह कटोरा देवता को भोग लगाना यानीअपने मन रूपी देवता को भोग लगाता था अर्थात वह खुद भोजन करता था,
एक कटोरा उधार पर देना अर्थात उसने एक कटोरा अपने बेटे को दिया था, अर्थात बूढ़ा होने पर उसका बेटा उसे सहारा दे,
एक कटोरा नदी में बहाना, इसका मतलब है बेटी को देना
क्योंकि पहले बेटी को पराई समझा जाता था,
उसके ऊपर खर्च करना नदी में बहाने जैसा था।
यह सुनकर व्यक्ति समझ गया वह यह सब अपने परिवार के लिए करता था
उसने कहा- मैं एक कटोरा देवी को चढ़ाता हूं,
एक कटोरा देवता को भोग लगाता हूं,
एक कटोरा उधार देता हूं,
एक नदी में बहता हूं ।
उसकी बात सुनकर एक व्यक्ति ने पूछ लिया, क्या तुम हवा खाकर जिंदा हो। यह सुनते ही भिखारी उदास हो गया और उसी दिन शहर छोड़कर चला गया।
तो उस व्यक्ति ने गांव के पास एक साधु से इस बारे में विचार किया साधु ने बताया कि......!
उसके कहने का अभिप्राय था_
कि वह एक कटोरा देवी को चढ़ाना मतलब अपने पत्नी को देना,
यह कटोरा देवता को भोग लगाना यानीअपने मन रूपी देवता को भोग लगाता था अर्थात वह खुद भोजन करता था,
एक कटोरा उधार पर देना अर्थात उसने एक कटोरा अपने बेटे को दिया था, अर्थात बूढ़ा होने पर उसका बेटा उसे सहारा दे,
एक कटोरा नदी में बहाना, इसका मतलब है बेटी को देना
क्योंकि पहले बेटी को पराई समझा जाता था,
उसके ऊपर खर्च करना नदी में बहाने जैसा था।
यह सुनकर व्यक्ति समझ गया वह यह सब अपने परिवार के लिए करता था