बंटी और बबली
मैं जब भी कहता हूं, बबली रोज सुबह तुझे चाय बना कर लाओ बबली कड़क मीठी अदरक इलायची डालकर।
रोज सुबह चाय मांगते रहते हो तुम बंटी सारा दिन काम बस काम करती रहती हूं, कभी चाय हाथ से नहीं बना सकते क्या तुम गुस्से में चिल्ला कर बोली ....?
ओह......"वाह" क्या बात है, बबली आज बहुत ज्यादा बोल रही हो, इतना गुस्सा बस अब शांत हो जाओ मुझे गुस्सा आ रहा है।
बस-बस बहुत सुना बंटी मैंने...
रोज सुबह चाय मांगते रहते हो तुम बंटी सारा दिन काम बस काम करती रहती हूं, कभी चाय हाथ से नहीं बना सकते क्या तुम गुस्से में चिल्ला कर बोली ....?
ओह......"वाह" क्या बात है, बबली आज बहुत ज्यादा बोल रही हो, इतना गुस्सा बस अब शांत हो जाओ मुझे गुस्सा आ रहा है।
बस-बस बहुत सुना बंटी मैंने...