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प्रेम में गलत
प्रेम में आप कब गलत हो जाते हो आपको पता भी नहीं चलता है, दरअसल आप अपनी तरफ़ से सही होते हो क्योंकि आप उन सब बातों को प्रेम का नाम दे देते हो, जैसे बिना सोचे समझे वादे करना और उन वादों को निभाने के लिए किसी भी हद तक चले जाना, एक दूसरे को बिना जरुरत के वक्त देना, प्यार देना, एहमियत देना, सम्मान देना, प्रशंसा करना,शुरुआती प्रेम में दोनों ही व्यक्ति फूल और भंवरे की तरह होते हैं, एक- दूसरे के बिना अधूरे से मानते हैं स्वयं को, प्रेम की हर हद नामी जाती है।
एक दूसरे की हर खामी,हर गलती स्वीकार होती है शुरुआती प्रेम में,तब दोनों प्रेम में स्वतंत्र होते हैं, अपने आपको परत दर परत खोलते जाते हैं प्रेम में,
धीरे-धीरे वक्त बीतता है और आते हैं वो दिन जब वक्त भी...