...

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Naib Tehsildar (Part 1)
अच्छा सुनो!!!!
2 मिनट बस रुक जाओ ना। वो बस फ़ोन कटने से पहले उसे रोकती हुयी बोली।
और वो उधर से बोला- अरे मेरा बाबू, मैं तो बस तुम्हारा हूँ मैं कहाँ जाऊंगा। बस तुम्हारे पास ही रहूँगा। मेरा मोटा बाबू!
मोटे हो ना तुम? छेड़ते हुए उसने कहाँ।
रिद्धि भी थोड़ा बनावटी गुस्से में बोली - नहीं हूँ मैं। हटो जाओ, अब देखना तुम मैं कितनी पतली हो जाऊँगी।
देखते रह जाओगे।

वो बीच में रोकते हुए बोला" हाँ सिर्फ मैं ही देखूँगा, कोई और नहीं।"
रिद्धि शरमाते हुए बोली- हाँ सिर्फ आप।बीच में बात काटते हुए वो बोला - अरे बाबा 9 बज गए हैं। आज मंत्री जी आ रहे हैं। आज के बारे बताया था तुम्हे की कितनी इम्पोर्टेन्ट मीटिंग हैं Collector, DSP सबको जल्दी पहुँचना हैं। मुझे जाना होगा।
रिद्धि बोली - हाँ जाओ। अपना ध्यान रखना और लंच टाइम पे कर लेना आप।

हाँ मेरा मोटा! मैं कर लूंगा, वीडियो कॉल कर के दिखाऊँगा लंच किया या नहीं। ठीक हैं?
हाँ अगर करते बने तो कर लीजिएगा। आई लव यू! अब जाओ। रिद्धि बोली
कॉल कट हो गया। वो फ्रेश होने चला गया और रिद्धि भी अपने रूम से बाहर निकल आयी।

आपको मैंने अगले शख्स के बारे में नही बताया उसका नाम निश्चय यादव हैं। पिछले साल ही उसका सिलेक्शन बतौर नायब तहसीलदार हुआ हैं। बाकि चीजे आपको आगे पता चल जायेंगी।

रिद्धि बहुत ही अच्छा महसूस कर रही थी। उसका मन आज आसमान छूने का कर रहा था। इतने सालो बाद उसके चेहरे पर इतनी मुस्कान जो आयी थी।

रिद्धि को पढ़ने भी बैठना था। वो बुक्स लेके पढ़ने बैठ गयी। वो बात उसके जेहन में घूम रही थी जब रिद्धी ने अपने सपने के बारे में निश्चय को बताया था की वो पढ़ना चाहती हैं उसे भी PCS ऑफिसर बनना हैं।
और उसने कहाँ था की मैं तुम्हारा साथ दूंगा, तुम्हे पढ़ाऊंगा। तुम चिंता मत करो।

ये बात सुनके निश्चय के लिए प्यार के साथ इज्जत भी बढ़ गयी थी।

बैठे बैठे वो अपने जिंदगी के उन खूबसूरत पलो को याद करने लगी जब निश्चय उसकी लाइफ में आया था।
बहुत ही खास थे वो पल!

To be continued.......

© Shilpi Yadav