एक बेवकूफियाना सोच...
देख भोर की चहलकदमियां
हँसी खुशी और किलकारियां
मैं भी निकल प्रथम रश्मी संग
आनंदित अब हो लिया करता हूं..
सुबह की मधुमस्त ठंडी सुहानी ये बयार
ताज़गी भर देती है अंतस में जा कहीं
अब दिन सुहाना हो जाता है
चेहरा मुस्कुराता हुआ अपना नज़र आता है
देखने वाले...
हँसी खुशी और किलकारियां
मैं भी निकल प्रथम रश्मी संग
आनंदित अब हो लिया करता हूं..
सुबह की मधुमस्त ठंडी सुहानी ये बयार
ताज़गी भर देती है अंतस में जा कहीं
अब दिन सुहाना हो जाता है
चेहरा मुस्कुराता हुआ अपना नज़र आता है
देखने वाले...