जैकी 🐕
नम आंखे और पुरानी यादें तुम्हारे हम सबके प्रति अपनेपन की गवाह हैं! कुत्ता बिरादरी के प्रति इस प्रकार की संवेदनशीलता के साथ लिखते वक्त हमारी नम आंखे कमजोरी नहीं अपितु हदय से जुड़ी सच्ची भावनाओं का प्रतीक हैं।
उम्र के साथ-साथ तुम्हारा वजन बढ़ता गया जबकि मैं तो बचपन में तुम्हें उठाया करती थी। तब बाल-कपोल मन में बस तुम्हें और तुम्हारे भाई-बहिन पिल्लों को उठाने के साथ-साथ उनकी फैलाई गंदगी तक उठाकर चुपचाप फैंक दिया करती थीं ताकि मम्मी या घर का कोई बडा सदस्त गंदगी के बहाने तुम्हें दूर न फैंक दे!
जैकी अर्थात हल्के भूरे रंग का भोला-सा कुत्ता,जो अपनी माँ जिम्मी से कम ही मिलता-जुलता था। जिसे जन्म से लेकर कई बरसों तक पारिवारिक सदस्य रूप में सबको मानना पडा!
उसके अंतिम दर्शन न कर सके! वैसे ठीक ही हुआ क्योंकि उस भोले प्राणी की मृत्यु देखना दु:ख को कहीं अधिक कर देता! याद हैं मुझे जैकी की मां यानि हमारी प्यारी जिम्मी को किस तरह काल ने असमय अपना ग्रास बना लिया था!हमने नम आंखों से बस उसके शव को मौन श्रंद्धांजलि दी थी।
परन्तु जैकी अपनी उम्र पूरी करके गया! चुंकि अभी भी याद आती हैं कि कुछ महीनों पूर्व छुट्टियों में गांव जाने पर हमेशा की भांति हमारे गाड़ी से उतरने से पहले ही वो पुंछ घुमाना शुरू कर आगे-पीछे खुश़ी से कूद-कूदकर अपनापन जाहिर कर रहा था!
अफसोस...!इस बार कोई नहीं होगा, जो भोजन के पश्चात रोटी-बिस्किट लेकर जैकी-जैकी बोलने पर भागा-भागा आए। ये यादों के साथ तुम्हारी याद में हमारी बातें... जैकी... तुम क्यों गए?
हांलाकि पिछले कुछे वर्षों में हम तुमसें दूर थे और जब-जब गाँव जाते तुम्हारा बढ़ती उम्र के साथ गिरता स्वास्थ्य नहीं देखा जाता था।
प्यारे जैकी, पर देखों... तुम्हारी मृत्यु की दुःखद खबर सुनकर नहीं रोक पा रही, मैं अपने बेबस भावों को और इस चलती कलम को। ये दर्द लोगों की समझ से परे होगा, कहीं साझा नहीं हो सकेगा।
चूंकि, याद मुझें तुम्हारा भाई जॉनी भी हैं, आखिर तुम सबके जन्म पर तुम्हारी मां के लिए तेल का सीरा, हम हमारी मां से विनती कर-करके बनवाया करते थे।
जॉनी हमें कब का छोड़ चला, पर तुम्हारी बात अलग हैं, जैकी। तुम हमारे घर में पले कुत्ता बिरादरी के शायद अंतिम वंशज ही हों।
तुम्हारी नानी सफेद कुतिया, हमारे घर में पली, तुम्हारी मां जिम्मी के जन्म से पुनः तुम्हारे जन्म का सफर जिम्मी ने हमारे घर में बिताया । और आखिरी तुम जैकी।
भगवान तुम्हारी आत्मा को शांति प्रदान करें। लिखने को शब्द कम और भाव अनन्त हैं। अश्रुपूरित श्रद्धांजलि, प्रिय जैकी ।🐕। 🙏🙏
©Mridula Rajpurohit ✍️
🗓️ 16 April, 2019
© All Rights Reserved
उम्र के साथ-साथ तुम्हारा वजन बढ़ता गया जबकि मैं तो बचपन में तुम्हें उठाया करती थी। तब बाल-कपोल मन में बस तुम्हें और तुम्हारे भाई-बहिन पिल्लों को उठाने के साथ-साथ उनकी फैलाई गंदगी तक उठाकर चुपचाप फैंक दिया करती थीं ताकि मम्मी या घर का कोई बडा सदस्त गंदगी के बहाने तुम्हें दूर न फैंक दे!
जैकी अर्थात हल्के भूरे रंग का भोला-सा कुत्ता,जो अपनी माँ जिम्मी से कम ही मिलता-जुलता था। जिसे जन्म से लेकर कई बरसों तक पारिवारिक सदस्य रूप में सबको मानना पडा!
उसके अंतिम दर्शन न कर सके! वैसे ठीक ही हुआ क्योंकि उस भोले प्राणी की मृत्यु देखना दु:ख को कहीं अधिक कर देता! याद हैं मुझे जैकी की मां यानि हमारी प्यारी जिम्मी को किस तरह काल ने असमय अपना ग्रास बना लिया था!हमने नम आंखों से बस उसके शव को मौन श्रंद्धांजलि दी थी।
परन्तु जैकी अपनी उम्र पूरी करके गया! चुंकि अभी भी याद आती हैं कि कुछ महीनों पूर्व छुट्टियों में गांव जाने पर हमेशा की भांति हमारे गाड़ी से उतरने से पहले ही वो पुंछ घुमाना शुरू कर आगे-पीछे खुश़ी से कूद-कूदकर अपनापन जाहिर कर रहा था!
अफसोस...!इस बार कोई नहीं होगा, जो भोजन के पश्चात रोटी-बिस्किट लेकर जैकी-जैकी बोलने पर भागा-भागा आए। ये यादों के साथ तुम्हारी याद में हमारी बातें... जैकी... तुम क्यों गए?
हांलाकि पिछले कुछे वर्षों में हम तुमसें दूर थे और जब-जब गाँव जाते तुम्हारा बढ़ती उम्र के साथ गिरता स्वास्थ्य नहीं देखा जाता था।
प्यारे जैकी, पर देखों... तुम्हारी मृत्यु की दुःखद खबर सुनकर नहीं रोक पा रही, मैं अपने बेबस भावों को और इस चलती कलम को। ये दर्द लोगों की समझ से परे होगा, कहीं साझा नहीं हो सकेगा।
चूंकि, याद मुझें तुम्हारा भाई जॉनी भी हैं, आखिर तुम सबके जन्म पर तुम्हारी मां के लिए तेल का सीरा, हम हमारी मां से विनती कर-करके बनवाया करते थे।
जॉनी हमें कब का छोड़ चला, पर तुम्हारी बात अलग हैं, जैकी। तुम हमारे घर में पले कुत्ता बिरादरी के शायद अंतिम वंशज ही हों।
तुम्हारी नानी सफेद कुतिया, हमारे घर में पली, तुम्हारी मां जिम्मी के जन्म से पुनः तुम्हारे जन्म का सफर जिम्मी ने हमारे घर में बिताया । और आखिरी तुम जैकी।
भगवान तुम्हारी आत्मा को शांति प्रदान करें। लिखने को शब्द कम और भाव अनन्त हैं। अश्रुपूरित श्रद्धांजलि, प्रिय जैकी ।🐕। 🙏🙏
©Mridula Rajpurohit ✍️
🗓️ 16 April, 2019
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