जहाँ जंगली जानवर इंसानों को खरीदकर खाते है ( अंतिम भाग )
उसके बाद बाघ आखिरी इंसान को खींचता हुआ ले जा रहा होता है की नील की आँख उस इंसान पर पड़ती है । वह इंसान कोई और नही बल्कि नील का भाई था ।
बाघ जैसे ही उसको नील के पिंजरे के पास से ले जाता है वह भी नील को देख लेता है और सोचता है इसका मतलब लोगो के लापता होने मे इन जानवरो का ही हाथ था । उन दोनो भाइयों को एहसास हो चुका था की मौत अब उनके बिल्कुल नज़दीक है ।
नील का भाई कोशिश करता है की बाघ किसी भी तरह उसको छोड़ दे लेकिन बाघ ने उसको इतनी कसकी पकड़ा हुआ था की वह अपने आपको नही छुड़ा पाता ।
फिर वह दोनो भाई एक-दूसरे को देखते ही रोने लगते है । जैसे वह इसके बाद कभी नही मिल पाएंगे । बाघ उसको भी वही छोड़ आता है जहाँ बाकी के इंसानो को रखा गया था ।
बाघ पिंजरा नंबर तेरह के सामने आकर खड़ा हो जाता है और एक-एक कर उन सभी पलों को याद करने लगता है । जब जानवरो के ऊपर इंसानो ने शिकार किया था । उनके साथियों को उनसे छीनने के बाद उन्हे मार दिया था ।
उसके अंदर भी अब इंसानो के प्रति गुस्सा जाग उठा था । वह नील के...
बाघ जैसे ही उसको नील के पिंजरे के पास से ले जाता है वह भी नील को देख लेता है और सोचता है इसका मतलब लोगो के लापता होने मे इन जानवरो का ही हाथ था । उन दोनो भाइयों को एहसास हो चुका था की मौत अब उनके बिल्कुल नज़दीक है ।
नील का भाई कोशिश करता है की बाघ किसी भी तरह उसको छोड़ दे लेकिन बाघ ने उसको इतनी कसकी पकड़ा हुआ था की वह अपने आपको नही छुड़ा पाता ।
फिर वह दोनो भाई एक-दूसरे को देखते ही रोने लगते है । जैसे वह इसके बाद कभी नही मिल पाएंगे । बाघ उसको भी वही छोड़ आता है जहाँ बाकी के इंसानो को रखा गया था ।
बाघ पिंजरा नंबर तेरह के सामने आकर खड़ा हो जाता है और एक-एक कर उन सभी पलों को याद करने लगता है । जब जानवरो के ऊपर इंसानो ने शिकार किया था । उनके साथियों को उनसे छीनने के बाद उन्हे मार दिया था ।
उसके अंदर भी अब इंसानो के प्रति गुस्सा जाग उठा था । वह नील के...