पहले पहले मोहब्बत की खुमारी..
वो अपनी खिड़की पर खड़ी
मैं अपनी छत की मुंडेर पर खड़ा
दोनों एक दूसरे का इंतजार करते हैं
नहीं जानते हैं एक दूसरे को
फिर भी दोनों एक दूसरे की मुस्कान पर मरते हैं...
मैं अपनी छत की मुंडेर पर खड़ा
दोनों एक दूसरे का इंतजार करते हैं
नहीं जानते हैं एक दूसरे को
फिर भी दोनों एक दूसरे की मुस्कान पर मरते हैं...