मुस्कान
फ्लैशबैक
सुबह उठकर मोबाइल देखा
मम्मी का मैसेज था
कैसी हो बेटी काफी दिनों से बात करने का सोच रही थी पर कभी तबियत सही नहीं थी कभी घर के काम मे व्यस्त थी
आज तुझसे बात करके अच्छा लगा
माँ मुझे भी आपसे बात करनी थी पर समय नहीं मिलता था कॉलेज से आकर कपड़े बदलकर
थोड़ी देर पढ़ती फिर निशा और मैं मिलकर खाना बनाते
मेरी बेटी सयानी हो गयी
माँ मुझे शादी से पहले अपने पैरों पर खड़ा होना है
मुझे शुरू से लगता था तू बहुत पढ़ाई करेगी
थोड़ी देर बात करके माँ ने फोन रख दिया
दीपा सोचने लगी माँ से बात करके बहुत अच्छा लग रहा है
निशा ने आवाज लगायी दीपा खाना खा लो
मुझे भूख नहीं है
क्या हुआ
कुछ नहीं पर अभी भूख नहीं है
ठीक है बता देना साथ मे खाएंगे
पर तू क्यों मेरे लिए रुकेगी तू तो खा ले खाना
नहीं खाएंगे तो साथ मे
दीपा मुस्कुरा दी
निशा दीपा के गले लग गयी
दीपा ने मुस्कान बताई
निशा और दीपा ने खाना खाया
और दीपा वापस पढ़ने लगी
बस मन मे एक ही ख्याल की अपने पेरेंट्स के लिए सफ़ल होना है
कॉलेज पूरा हुआ
जॉब करना शुरू करा
निशा ने भी जॉब करनी शुरू कर दी
अब थोड़ा कम समय बचता था बात करने के लिए
संडे को ही दोनों बात कर पाती थी
संडे को निशा पुराने गाने चला देती
उस दिन टर्न किसका है पूछा जाता खाना बनाने का
इस तरह दिन बीतते गए
और दीपा के लिए रिश्ते देखे जाने लगे
मम्मी ने कई फोटो बताये पर सब बहुत पैसे वाले थे पर ऐसा नहीं लगता था की नजर टिक जाए की हाँ यही है वो
आखिरकार दीपा उम्मीद रंग लायी
मम्मी ने एक फोटो मोबाइल पर भेजा
मम्मी ये लड़का मुझे पसंद है
फ्लैशबैक समाप्त
आज दीपा की शादी हुए 5 साल हो गये
पति शायराना और समझने वाला
हर बात मे दीपा का सपोर्ट करा
एक दिन दीपा को फोन आया
दादी हॉस्पिटल मे भर्ती है
ये सुनते ही दीपा दुःखी हो गयी
प्रार्थना की कि दादी सही हो जाए
दादी को उम्र के कारण साँस लेने मे दिक्कत होने लगी थी
डॉक्टर को बताया गया उनका इलाज शुरू हुआ
कुछ दिनों मे दादी सही हो गई
दीपा को फिर फोन आया
अब दादी की तबियत ठीक है
ये सुनते ही दीपा की खुशी का ठिकाना ना रहा क्योंकि दीपा को जितना दादी से लगाव उतना किसी से नहीं
उसके बाद दीपा मंदिर गयी पति के साथ
की उन्होंने दादी को बचा लिया दादी ने
हमेशा सपोर्ट करा एक दोस्त की तरह
जब जब दीपा घर पर आयी
दादी के बारे मे जरूर पूछा ।
उससे मुस्कान अपने आप आ जाती
समाप्त
15/4/2024
11:42 रात्रि
© ©मैं और मेरे अहसास
सुबह उठकर मोबाइल देखा
मम्मी का मैसेज था
कैसी हो बेटी काफी दिनों से बात करने का सोच रही थी पर कभी तबियत सही नहीं थी कभी घर के काम मे व्यस्त थी
आज तुझसे बात करके अच्छा लगा
माँ मुझे भी आपसे बात करनी थी पर समय नहीं मिलता था कॉलेज से आकर कपड़े बदलकर
थोड़ी देर पढ़ती फिर निशा और मैं मिलकर खाना बनाते
मेरी बेटी सयानी हो गयी
माँ मुझे शादी से पहले अपने पैरों पर खड़ा होना है
मुझे शुरू से लगता था तू बहुत पढ़ाई करेगी
थोड़ी देर बात करके माँ ने फोन रख दिया
दीपा सोचने लगी माँ से बात करके बहुत अच्छा लग रहा है
निशा ने आवाज लगायी दीपा खाना खा लो
मुझे भूख नहीं है
क्या हुआ
कुछ नहीं पर अभी भूख नहीं है
ठीक है बता देना साथ मे खाएंगे
पर तू क्यों मेरे लिए रुकेगी तू तो खा ले खाना
नहीं खाएंगे तो साथ मे
दीपा मुस्कुरा दी
निशा दीपा के गले लग गयी
दीपा ने मुस्कान बताई
निशा और दीपा ने खाना खाया
और दीपा वापस पढ़ने लगी
बस मन मे एक ही ख्याल की अपने पेरेंट्स के लिए सफ़ल होना है
कॉलेज पूरा हुआ
जॉब करना शुरू करा
निशा ने भी जॉब करनी शुरू कर दी
अब थोड़ा कम समय बचता था बात करने के लिए
संडे को ही दोनों बात कर पाती थी
संडे को निशा पुराने गाने चला देती
उस दिन टर्न किसका है पूछा जाता खाना बनाने का
इस तरह दिन बीतते गए
और दीपा के लिए रिश्ते देखे जाने लगे
मम्मी ने कई फोटो बताये पर सब बहुत पैसे वाले थे पर ऐसा नहीं लगता था की नजर टिक जाए की हाँ यही है वो
आखिरकार दीपा उम्मीद रंग लायी
मम्मी ने एक फोटो मोबाइल पर भेजा
मम्मी ये लड़का मुझे पसंद है
फ्लैशबैक समाप्त
आज दीपा की शादी हुए 5 साल हो गये
पति शायराना और समझने वाला
हर बात मे दीपा का सपोर्ट करा
एक दिन दीपा को फोन आया
दादी हॉस्पिटल मे भर्ती है
ये सुनते ही दीपा दुःखी हो गयी
प्रार्थना की कि दादी सही हो जाए
दादी को उम्र के कारण साँस लेने मे दिक्कत होने लगी थी
डॉक्टर को बताया गया उनका इलाज शुरू हुआ
कुछ दिनों मे दादी सही हो गई
दीपा को फिर फोन आया
अब दादी की तबियत ठीक है
ये सुनते ही दीपा की खुशी का ठिकाना ना रहा क्योंकि दीपा को जितना दादी से लगाव उतना किसी से नहीं
उसके बाद दीपा मंदिर गयी पति के साथ
की उन्होंने दादी को बचा लिया दादी ने
हमेशा सपोर्ट करा एक दोस्त की तरह
जब जब दीपा घर पर आयी
दादी के बारे मे जरूर पूछा ।
उससे मुस्कान अपने आप आ जाती
समाप्त
15/4/2024
11:42 रात्रि
© ©मैं और मेरे अहसास