लहरें और साहिल
जीस प्रकार से समुंदर की लहरों से खेलने के लिए तुम उतावली हो रही थी,आज मैने अपनी आँखों से वो अनंत ख़ुशी तुम्हारे चेहरे पर देखीं…मेरा मन प्रसन्न हो रहा था…. छेडने की तुम्हारी आदत यहाँ भी बदस्तूर जारी...