...

3 views

राघव और वो (भाग 1)
खट.. खट.. खट..
" मम्मी दरवाजा खोल़ो"  राघव दरवाजा खटखटाते हुए बोला।
"हाँ आती हूँ" आस्था अंदर से दरवाजा खोलते हुए बोली।
आस्था- क्या हुआ  बेटा आज तुमने आने में देर कर दी?

राघव -वो आज कैलाश सर( राघव के स्पोर्ट्स टीचर) हमें फुटबॉल प्रैक्टिस करवा रहे थे, इसलिए थोड़ा सा  लेट हो गया।
मम्मी बहुत भूख लगी है, खाना लगा दो।

आस्था- ठीक है तुम चेंज करके आओ तब तक मैं खाना लगाती हूँ।   राघव चुपचाप अपने कमरे में चला जाता है।

राघव 15 साल का लड़का जो अपने माता पिता के साथ रहता है।अभी  चार महीने ही हुए थे उन्हें जबलपुर शिफ्ट हुए।  उसके पिता राजवीर सिंह जबलपुर में इंजीनियर की नौकरी करते हैं।

थोड़ी देर बाद( खाने की टेबल पर) ,
राघव (खाना खाते हुए) - मम्मी वो आज मेरे दोस्त...